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Delhi Riots Case: उमर खालिद ने हाई कोर्ट में कहा- वह एक गवाह के सुने बयान के आधार पर पिछले दो साल से जेल में है

फरवरी-2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगा मामले में खालिद को 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है। खालिद ने जमानत देने से इन्कार करने के 24 मार्च के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 01:17 PM (IST)
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जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगा मामले में साजिश रचने से संबंधित यूएपीए मामले में आरोपित जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी कि वह एक संरक्षित गवाह के सुने बयान के आधार पर पिछले दो साल से जेल में है, जबकि इसकी कोई पुष्टि नहीं है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष खालिद के अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष को वास्तव में यह तय करने की जरूरत है कि मेरे खिलाफ क्या मामला है। मामले में आगे की सुनवाई 25 मई को भी जारी रहेगी।

खालिद ने जमानत देने से इन्कार करने के 24 मार्च के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी है। फरवरी-2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगा मामले में खालिद को 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है।

शरजील इमाम की याचिका पर सुनवाई टली

दिल्ली दंगा मामले में आरोपित शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई। दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि इस मामले को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने सुनवाई की है, ऐसे में उसी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए बुधवार को सूचीबद्ध किया जाए। इमाम ने जमानत देने से इन्कार करने के निचली अदालत के निर्णय को दी है चुनौती।

फर्जी दर्ज कराई आटो लूट, 12 घंटे में गिरफ्तार

अमर कालोनी थाना पुलिस ने आटो की फर्जी लूट का मामला दर्ज कराने के मामले में एक शिकायतकर्ता आटो चालाक को 12 घंटे में गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान गोविंदपुरी के नवजीवन कैंप निवासी सुशील कुमार मंडल के रूप में हुई है। पुलिस ने उससे आटो बरामद कर लिया है।

पुलिस को पीसीआर काल के माध्यम से अमर कालोनी थाने में आटो लूट की सूचना मिली थी। सुनील की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि उसने फर्जी काल की थी। उसने बताया कि वह आर्थिक तंगी के चलते उसने आटो लूट का झूठा मामला बनाने की योजना बनाई थी, ताकि भविष्य में उसे किस्त न चुकानी पड़े।

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