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Delhi Traffic Rule: ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले बन रहे लोगों की जान के दुश्मन, भारी वाहन और तेज रफ्तार भी निगल रही जिंदगी

राजधानी में यातायात नियम तोड़ने वाले दूसरों की मौत का कारण बन रहे हैं। हादसों में होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण यातायात नियमों का उल्लंघन है। 2021 में दिल्ली पुलिस द्वारा जिन सड़क हादसों को लेकर जांच की गई इनमें 277 मौत का कारण नियम का उल्लंघन था।

By GeetarjunEdited By: Updated: Sat, 17 Sep 2022 10:33 PM (IST)
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ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले बन रहे लोगों की जान के दुश्मन, भारी वाहन और तेज रफ्तार भी निगल रही जिंदगी

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। राजधानी में यातायात नियमों को तोड़ने वाले दूसरों की मौत का कारण बन रहे हैं। सड़क हादसों में होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण यातायात नियमों का उल्लंघन है। वर्ष 2021 में दिल्ली पुलिस द्वारा जिन सड़क हादसों को लेकर जांच की गई, इनमें 277 मौत का कारण नियम का उल्लंघन था।

सड़क हादसों का दूसरा बड़ा कारण तेज रफ्तार भी रहा है, जिसकी वजह से 213 लोगों ने अपनी जान गंवाई। दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि पैदल सड़क पार करने वाले अधिक लोगों की मौत का कारण अज्ञात वाहन थे।

तेज रफ्तार बन रही कारण

लेकिन जिन वाहनों का पता चला उनमें सबसे अधिक 61 मौत का कारण कार, जीप या टैक्सी थीं, जिनकी रफ्तार काफी तेज थी। इसके बाद 41 राहगीरों की जान भारी वाहनों ने ली।

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भारी वाहन भी पर रहे जिंदगी पर भारी

दूसरी तरफ दोपहिया वाहन सवार 212 लोगों की मौत अज्ञात वाहनों से हुई। वहीं, सबसे ज्यादा भारी वाहनों ने 81 दोपहिया सवारों की जान ली। रिपोर्ट में बताया गया है कि सड़क पर राहगीरों के लिए सुविधाओं का अभाव हादसों का बड़ा कारण है।

फुटपाथ की कमी

दिल्ली की अधिकतर सड़कों पर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ की कमी है। दिल्ली में सड़क पार करने के लिए फुट ओवर ब्रिज और अंडरपास की भी कमी है। पैदल लोग रात को ज्यादा हादसों का शिकार होते हैं, जब भारी वाहन भी सड़क पर चलने लगते हैं।

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पुलिस संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर इनकी सुरक्षा के लिए काम करेगी, ताकि सड़क हादसों की संख्या को कम किया जा सके।

इस सड़कों पर हुए सबसे अधिक हादसे

सड़क                              हादसे

आउटर रिंग रोड                  95

रिंग रोड                             85

रोहतक रोड                        46

जीटीके रोड                        44

नजफगढ़ रोड                     28

एनएच आठ                        26

वजीराबाद रोड                    21

ग्रैंड ट्रंक रोड                       21

बवाना रोड                         19

एनएच 24                          15

किस इलाके में कितने एक्सीडेंट

पश्चिमी दिल्ली में सर्वाधिक दुर्घटनाएं हुई हैं। इस इलाके में इस वर्ष 648 सड़क हादसे हुए हैं। दूसरे नंबर पर उत्तर-पश्चिम जिला है, जहां 580 सड़क हादसे हुए हैं, जबकि दक्षिण पूर्वी में 533 सड़क हादसे हुए। ट्रैफिक सर्किल की बात करें तो सबसे ज्यादा 263 सड़क हादसे बुराड़ी सर्किल में हुए हैं। मंगोलपुरी सर्किल में 201 जबकि द्वारका में सबसे कम 177 सड़क हादसे हुए हैं।

10 हाटस्पाट जहां हुए सबसे ज्यादा हादसे

  • भलस्वा चौक- यह आउटर रिंग रोड पर भलस्वा गांव के समीप स्थित है। यहां पर पैदल यात्री सबसे अधिक सड़क पार करते हैं। वर्ष 2021 में 11 सड़क दुर्घटनाएं हुई। जिनमें आठ लोगों की मौत हुई। चार पैदल यात्री थे।
  • पंजाबी बाग चौक- यह रिंग रोड रोहतक रोड पर स्थित है। इस चौक पर रिंग रोड, फ्लाइओवर और अंडरपास है। यहां पर यातायात का दबाव अधिक रहता है। वर्ष 2021 में कुल 18 हादसे हुए। जिसमें सात लोगों की मौत हुई। तीन पैदल यात्री और चार बाइक सवारों की मौत हुई।
  • मुकरबा चौक- यह आउटर रिंग रोड और जीटी करनाल रोड पर स्थित है। यहां पर तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही अधिक होती है। अधिकतर बड़े वाहनों आवाजाही होती है। वर्ष 2021 में 18 हादसे हुए। सात लोगों की मौत हुई। तीन पैदल यात्री की मौत हुई।
  • जखीरा फ्लाइओवर- यह ओल्ड रोहतक रोड और न्यू रोहतक रोड का जंक्शन है। यहां पर बड़े छोटे सभी वाहनों का दबाव रहता है। यहां पर हिट एंड रन के मामले भी अधिक होते हैं। वर्ष 2021 में 16 हादसे हुए। दो पैदल यात्री समेत छह की मौत हुई।
  • लिबासपुर बस स्टैंड- यह बाहरी दिल्ली इलाके के स्वरूप नगर जीटी करनाल रोड पर स्थित है। यहां पर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही होती है। वाहनों की रफ्तार भी काफी अधिक होती है। वर्ष 2021 में 16 हादसे हुए। एक पैदल यात्री समेत छह की मौत हुई। अधिकतर हादसे दिन में शाम छह सात और रात में नौ से 12 बजे के बीच होते हैं।
  • मुकुंदपुर चौक- यह आउटर रिंग रोड पर स्थित है। यहां अधिकतर हादसे तेज रफ्तार टैंपू और कार से होते हैं। वर्ष 2021 में 13 हादसे हुए। दो बाइक सवार दो पैदल यात्रियों की मौत हुई।
  • मोती बाग फ्लाइओवर- यह रिंग रोड शांति पथ का जंक्शन है। वर्ष 2021 में 12 हादसे हुए। दो पैदल यात्री समेत तीन लोगों की मौत हुई है।
  • नंगली पूना- यह जीटी करनाल रोड पर स्थित है। यहां अधिकतर हादसे रात में होते हैं। वर्ष 2021 में नौ हादसे हुए। चार पैदल यात्री समेत पांच की मौत हुई

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हादसे रोकने के लिए पुलिस ने दिए सुझाव

सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क डिजाइन से जुड़े हितधारकों को दिल्ली पुलिस ने कुछ सुझाव दिए हैं। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि फुटपाथ से विक्रेताओं के अतिक्रमण को हटाया जाना चाहिए और इन सेवाओं के लिए विशिष्ट स्थान दिया जाना चाहिए।

इसमें कहा गया है कि सड़क का विस्तार कर सभी बस स्टैंड पर बसों के रुकने के लिए अलग बस बे होना चाहिए। बस बे पर्याप्त रूप से इतने लंबे होने चाहिए कि वहां दो से तीन बस (आवश्यकता के अनुसार) रुक सकें और बस स्टैंड पर ग्रिल युक्त फाटक (जैसा कि मेट्रो स्टेशन पर अधिक भीड़ के मामले में होता है) होने चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक पीरागढ़ी, सिंघु बार्डर, मुकरबा चौक, आइएसबीटी, धौला कुआं जैसे सभी प्रमुख चौराहों को सार्वजनिक परिवहन (डीटीसी, क्लस्टर बस,रोडवेज बस, ग्रामीण सेवा, आरटीवी, टीएसआर, रिक्शा, ई-रिक्शा और पैदल यात्री यातायात) की संरचना के अनुसार डिजाइन करने की आवश्यकता है।

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