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Delhi Kanjhawala Case: रोहिणी कोर्ट ने आरोपी आशुतोष की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा, पुलिस ने किया विरोध

Delhi Kanjhawala Girl Death सुल्तानपुरी क्षेत्र के कंझावला मौत मामले में आरोपित आशुतोष गुप्ता की जमानत याचिका पर रोहिणी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया है। पुलिस ने कहा कि मामला गंभीर है।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 16 Jan 2023 07:06 PM (IST)
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रोहिणी कोर्ट ने आरोपी आशुतोष की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा, पुलिस ने किया विरोध
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सुल्तानपुरी क्षेत्र के कंझावला मौत मामले में आरोपित आशुतोष गुप्ता की जमानत याचिका पर रोहिणी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं, जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा कि मामला गंभीर है। इस मामले में अभी हत्या की धारा (302) लगाने की प्रक्रिया चल रही है।

12 जनवरी को हुई थी जमानत याचिका खारिज

बता दें कि 12 जनवरी को रोहिणी कोर्ट ने मामले में आरोपी आशुतोष की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। रोहिणी कोर्ट में दिल्ली पुलिस के वकील और डिफेंस काउंसिल की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया गया था।

जानिए पूरा मामला

एक जनवरी को तड़के तीन बजे करीब चार युवकों ने अंजलि को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद युवती कार के नीचे फंस गई। उन्होंने उसे 13 किमी से ज्यादा सड़क पर घुमाया। चार किमी के रोड पर ही वो यू-टर्न लेते रहे और गड्ढों वाली जगह में घुमाते रहे।

आरोपितों ने पूछताछ में यह कुबूल किया कि एक जनवरी की तड़के ढाई बजे सुल्तानपुरी में स्कूटी को टक्कर मारते ही उन्हें पता लग गया था कि एक युवती कार के नीचे फंस गई है। इसलिए चालक ने घटनास्थल पर ही पहले कार को दो बार आगे और दो बार पीछे किया था ताकि युवती कार के नीचे से निकल जाए।

आरोपितों ने कार से बाहर आकर युवती को इसलिए नीचे से नहीं निकालना चाहा क्योंकि उन्हें डर लगने लगा था कि कहीं हाथ लगाने पर उनपर हत्या का आरोप न लग जाए। इसलिए उन्होंने हाथ नहीं लगाया। करीब डेढ़-दो घंटे तक चक्कर काटने के बाद कंझावला में यू-टर्न लेने के दौरान युवती जब कार के नीचे से निकल गई, तब आरोपी कार लेकर भाग गए।

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कार में सिर्फ चार लोग सवार थे

पुलिस ने बताया कि एक जनवरी की रात बलेनो कार में केवल चार आरोपित ही सवार थे। दीपक खन्ना जिसने घटना के दौरान कार चलाने की जिम्मेदारी ली थी, वह कार में नहीं था। उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए कार चलाने को जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी, क्योंकि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस है। पुलिस का कहना है कि दीपक इस मामले में गिरफ्तार है। इसलिए इससे केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसने पुलिस को गुमराह किया है। केस में आपराधिक साजिश रचने की धारा पहले से लगी हुई है।

आशुतोष व अंकुश ने बताए थे बचने के रास्ते

दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित अमित असल में अंकुश का भाई है। घटना के बाद रास्ते से ही फोन कर उसने बता दिया था कि कार से कुचलकर एक युवती को मार डाला है। इसके बाद आशुतोष व अंकुश ने उसे बचने के तरीके बताए। दोनों ने पांचों आरोपितों को बचाने की कोशिश की थी।

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