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Sanjay Singh: संजय सिंह की जमानत पर इस तारीख को आएगा फैसला, कोर्ट ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा आदेश

दिल्ली कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के बाद आप सांसद की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर पेश हुए। राऊज एवेन्यू कोर्ट 21 दिसंबर को शाम 4 बजे संजय सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी। बता दें कि आप सांसद 04 अक्टूबर से ईडी की हिरासत में हैं।

By AgencyEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Tue, 12 Dec 2023 05:57 PM (IST)
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संजय सिंह की जमानत पर इस तारीख को आएगा फैसला
एएनआई, नई दिल्ली। आप सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। दिल्ली कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के बाद आप सांसद की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

इस तारीख को कोर्ट सुनाएगा फैसला

राऊज एवेन्यू कोर्ट 21 दिसंबर को शाम 4 बजे संजय सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी। मंगलवार को संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को दो कार्य दिवस में लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा है।

संजय सिंह के वकील ने दिया तर्क

आप सांसद की ओर से पेश वकील मोहित माथुर ने कहा कि संजय सिंह 4 अक्टूबर, 2023 से पहले एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया। उन्होंने आगे तर्क दिया कि संजय सिंह के कानूनी नोटिस ने उनके लिए समस्याएं खड़ी कर दीं। फिर उन्होंने मुझ पर ध्यान देना शुरू कर दिया।

मोहित माथुर ने कहा कि मैं रिहाई की मांग नहीं कर रहा हूं। मैं जमानत की मांग कर रहा हूं। मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान में पवित्र है। उन्होंने आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा, चंदन रेड्डी और अन्य गवाहों के बयानों में भी विरोधाभास उठाया और कहा कि दिनेश अरोड़ा का बयान अफवाह है। अब उसका छद्म नाम अल्फ़ा है। कोई कैसे मान ले कि दिनेश अरोड़ा सच बोल रहे हैं?

उन्होंने कहा कि आप मुझे 60 दिनों तक हिरासत में रखें और आपके पास मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं है। बता दें कि आप सांसद संजय सिंह 04 अक्टूबर से ईडी की हिरासत में हैं। पिछली तारीख पर ईडी की ओर से कहा गया था कि रिश्वत मांगने के सबूत हैं, बयान हैं और कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

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ईडी ने भी रखा अपना पक्ष

ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने तर्क दिया कि शराब नीति बनाई जा रही थी और इसके बदले में रिश्वत दी जा रही थी, यह बात सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वीकार की गई है। अपनी दलीलों के दौरान, उन्होंने सत्येन्द्र जैन के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश का भी हवाला दिया कि अदालत को पिछली प्रवृत्ति और संबंधित परिस्थितियों को देखना होगा।

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