सर्जरी के वो 15 घंटे... दिल्ली के डॉक्टरों को मिली कामयाबी; पढ़ें कैसे जोड़ी कटी हुई अंगुली
Delhi News दिल्ली के सफदरजंग के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में एक महिला की कटी हुई अंगुली को जोड़ दिया गया है। डॉक्टरों ने करीब 15 घंटे बाद सर्जरी करके महिला की अंगुली को ठीक किया है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि महिला की अंगुली में अब कोई दिक्कत नहीं होगी। नौ अक्टूबर की रात को महिला को भर्ती कराया गया था।
राज्य ब्यूरो, जागरण, नई दिल्ली। दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एक महिला की कटी हुई अंगुली को घटना के 15 घंटे बाद जोड़ दिया। डॉक्टरों ने यह सर्जरी दस अक्टूबर को की थी।
घटना की मुख्य बातें-
- महिला के दायें हाथ के अंगूठे के पास की अंगुली वाशिंग मशीन में कुचल जाने से कट गई थी।
- महिला की अंगुली हथेली से पूरी तरह कटकर अलग नहीं हुई थी। सिर्फ टेंडन से जुड़ी हुई थी।
- नौ अक्टूबर की रात को करीब दस बजे परिजन उसे सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंचे थे।
- डॉक्टरों ने 15 घंटे बाद सर्जरी करके महिला की अंगुली को जोड़ दिया है।
- डॉक्टरों को उम्मीद है कि महिला की अंगुली ठीक हो जाएगी।
विभाग के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. शलभ ने बताया कि सामान्य तौर पर अंगुली या हाथ का हिस्सा कटने पर छह से आठ घंटे के भीतर सर्जरी कर उसे जोड़ना जरूरी होता है। इससे अधिक देर होने पर अंगुली को बचा पाना मुश्किल होता है। लेकिन इस मामले में सर्जरी के बाद महिला मरीज की अंगुली में रक्त संचार सही हो रहा है और अब मरीज ठीक है।
अंगुली कटकर अलग नहीं गिरी
अस्पताल के अनुसार, सोनिया विहार सब्जी मंडी के पास रहने वाली पूजा अपने चार वर्ष के बच्चे को पकड़ना चाह रही थी। इसी दौरान उनका हाथ वाशिंग मशीन में चल गया। इस वजह से उनके दायें हाथ के अंगूठे के पास की अंगुली वाशिंग मशीन में कुचल जाने से कट गई। लेकिन अंगुली हथेली से पूरी तरह कटकर अलग नहीं हुई थी। सिर्फ टेंडन से जुड़ी हुई थी।10 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया
बताया गया कि अंगुली की नसें, हड्डियां इत्यादि कट चुकी थीं। परिजन नौ अक्टूबर की रात को करीब दस बजे उसे लेकर सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। लेकिन किसी कारण वे वहां से दूसरे अस्पताल चले गए।
हड्डी को स्टील के तार से जोड़ा
वहीं, बाद में दस अक्टूबर को सुबह सात बजे वह वापस सफदरजंग अस्पताल पहुंची। तब उसे तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और तीन घंटे में उसकी सर्जरी की गई। डॉक्टरों के अंगुली की बारिक नसों को जोड़ा और हड्डी को स्टील के तार से जोड़ा।यह भी पढ़ें- Delhi AIIMS के एम्स ट्रामा सेंटर का होगा विस्तार, हादसा पीड़ितों का आसान होगा इलाज; बेड क्षमता 500 से होगी ज्यादा
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