Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Delhi Services Bill: दिल्ली में किसके पास कितनी पावर, जानिए विधेयक में क्या है खास

Delhi Services Bill 2023 विधेयक के मुख्य बिन्दु -दिल्ली सरकार में अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) करेगा। इसके चेयरमैन मुख्यमंत्री हैं और दो अन्य सदस्य मुख्यसचिव और गृह सचिव हैं।यानी मुख्यमंत्री अल्पमत में हैं वे अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकेंगे। अब मुख्य सचिव ये तय करेंगे कि कैबिनेट का निर्णय सही है या गलत।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 08 Aug 2023 06:42 AM (IST)
Hero Image
Delhi Services Bill: दिल्ली में किसके पास कितनी पावर, जानिए विधेयक में क्या है खास

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। Delhi Services Bill: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 सोमवार को राज्यसभा से भी पास हो गया। विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो जाने पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं, विधेयक में कई ऐसे मामले हैं जो सरकार को नियमों में बांधते हैं। दिल्ली में सरकार के सभी अधिकार अधिकारियों के माध्यम से उपराज्यपाल के पास चले गए हैं।

विधेयक में क्या है खास डालते हैं एक नजर

  • दिल्ली सरकार में अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) करेगा। इसके चेयरमैन मुख्यमंत्री हैं और दो अन्य सदस्य मुख्यसचिव और गृह सचिव हैं।यानी मुख्यमंत्री अल्पमत में हैं, वे अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकेंगे।
  • दिल्ली विधानसभा द्वारा अधिनियमित कानून द्वारा बनाए गए कियी बोर्ड या आयोग के लिए नियुक्ति के मामले में एनसीसीएसए नामों के एक पैनल की सिफारिश उपराज्यपाल को करेगा। उपराज्यपाल अनुशंसित नामों के पैनल के आधार पर नियुक्तियां करेंगे।
  • अब मुख्य सचिव ये तय करेंगे कि कैबिनेट का निर्णय सही है या गलत।
  • इसी तरह अगर सचिव को लगता है कि मंत्री का आदेश कानूनी रूप से गलत है तो वो मानने से इंकार कर सकता है।
  • सतर्कता सचिव अध्यादेश के आने के बाद चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेह नहीं हैं वे एलजी के प्रति बनाए गए प्राधिकरण के तहत ही जवाबदेह हैं।
  • अब अगर मुख्यसचिव को यह लगेगा कि कैबिनेट का निर्णय गैर-कानूनी है तो वो उसे उपराज्यपाल के पास भेजेंगे।इसमें उपराज्यपाल को यह शक्ति दी गई है कि वो कैबिनेट के किसी भी निर्णय को पलट सकते हैं।
  • दिल्ली में जो भी अधिकारी कार्यरत होंगे, उन पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार का कंट्रोल खत्म हो गया है, ये शक्तियां एलजी के जरिए केंद्र के पास चली गई हैं।

एनसीसीएसए की सिफारिश पर एलजी फैसला करेंगे, लेकिन वे ग्रुप-ए के अधिकारियों के बारे में संबधित दस्तावेज मांग सकते हैं। अगर एनसीसीएसए और एलजी की राय अलग-अलग होगी तो एलजी का फैसला ही अंतिम माना जाएगा।

दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली में लाभार्थियों को राशन का वितरण सुचारू रूप से चल रहा है और पिछले कुछ महीनों से वितरण का आंकड़ा लगभग 100% है। 23 जून और 23 जुलाई के महीने में वितरण का आंकड़ा क्रमशः 101% और 107% था और 23 अगस्त के लिए यह पहले से ही लगभग 65% है। एसएफए का आवंटन भी समय पर किया जा रहा है और राशन का वितरण चक्र अब आवंटन माह के साथ समकालिक हो गया है।

नए कार्डों के संबंध में एनएफएसए के तहत दिल्ली के लिए 7277995 लाभार्थियों (केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित) की कैपिंग है और सदस्यों/कार्ड में कोई भी नया जुड़ाव केवल तभी किया जाता है जब मौजूदा राशन कार्ड को सरेंडर करने या हटाने से रिक्ति बनाई जाती है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें