CBSE Board Exam 2021: छात्र बोले- बेहतर भविष्य की नींव हैं बोर्ड परीक्षाएं, हर हाल में हो आयोजित
दिल्ली के सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के छात्रों का मानना है कि परीक्षाएं हर हाल में आयोजित हो। भले ही फिर ये आनलाइन माध्यम से हो या आफलाइन पर किसी भी सूरत में इन्हें और ज्यादा न टाला जाए क्योंकि अधिक देरी से तनाव हावी हो रहा है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 24 May 2021 04:24 PM (IST)
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच 12वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा को लेकर लगातार असमंजस बना हुआ है। केंद्र सरकार भले ही राज्य सरकारों के साथ मिलकर समीक्षा बैठक कर रही है पर अब तक इन सभी बैठकों से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश निकलकर सामने नहीं आया हैं। जिससे छात्रों का धैर्य भी अब जवाब देने लगा है। छात्रों के मुताबिक अब तक बोर्ड परीक्षाएं मार्च तक हो जाती थी। पर कोरोना के कारण इस साल बोर्ड तारीख को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। मार्च से मई गया पर छात्र अब तक परीक्षा की तारीख को लेकर ही जूझ रहे हैं। छात्रों के मुताबिक बोर्ड परीक्षा भविष्य की नींव होती हैं और ये उनके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस परीक्षा में मिले अंक ही उनके आगे का भविष्य तय करते हैं।
दिल्ली के सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के छात्रों का यही मानना है कि परीक्षाएं हर हाल में आयोजित हो। भले ही फिर ये आनलाइन माध्यम से हो या आफलाइन पर किसी भी सूरत में इन्हें और ज्यादा न टाला जाए क्योंकि अधिक देरी से तनाव हावी हो रहा है।
छात्र परीक्षा की कर रहे हैं दिन-रात तैयारी
रोहिणी स्थित माउंट आबू स्कूल में 12वीं की छात्रा ने बताया कि वह बीते एक साल आनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई कर रही है। ये बोर्ड परीक्षा उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि उसे आगे महाराष्ट्र के एक निजी कालेज में दाखिला लेना है। कालेज में मेरिट के आधार पर ही दाखिला होगा। उसने कहा कि परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जाए। क्योंकि परीक्षा में मिले अंक न सिर्फ करियर बल्कि नौकरी के दौरान भी काम आएंगे। दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्र शेख राहिब सिद्दीकी ने कहा कि सरकारे और बोर्ड परीक्षा को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दे रहे हैं। जो परीक्षा मार्च में हो जाती थी उसे लेकर आज मई तक में संघर्ष जारी है। उन्होेंने कहा कि परीक्षा देने के बाद वो अच्छे अंक हासिल कर स्नातक की पढ़ाई के लिए टाप कालेजों में दाखिला लेना चाहते हैं। इसलिए परीक्षा हर हाल में आयोजित हो और केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस पर निर्णय ले।
रोहिणी स्थित एक निजी स्कूल की 12वीं की छात्रा गुनिका ने बताया कि वो जेईई के साथ-साथ बोर्ड की तैयारी भी कर रही है। गुनिका ने बताया कि टाप इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले के लिए 12वीं में मिले अंक बहुत महत्वपूर्ण हैं। कई कालेज मेरिट लिस्ट के आधार पर भी दाखिले लेते हैं। ऐसे में बोर्ड परीक्षा उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गुनिका ने कहा कि कोरोना के मामलें जैसे ही कम हो बोर्ड छात्र के स्कूल को ही सेंटर बनाकर परीक्षा आयोजित कर ले। क्योंकि लगातार होती देरी से मानसिक तनाव बढ़ रहा है। गुनिका ने बताया कि कक्षा के ज्यादातर छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और सभी चाहते हैं कि बोर्ड परीक्षा हो क्योंकि ये उनके जीवन का बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव है। इससे आगे की परीक्षाओं के लिए प्रेरणा मिलेगी और परीक्षा में बैठने का भय भी दूर होगा।
वहीं, छात्र उजेर अहमद ने कहा कि कोरोना का डर जरूर है पर इस समय हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है। हमें अपना भविष्य भी देखना है, हर जगह बोर्ड की परीक्षाओं के अंक मांगे जाते हैं अगर हम इसमें बेहतर नहीं कर पाए तो मुझे नहीं लगता कि हमारा भविष्य सुरक्षित हो सकशिक्षक भी हैं परीक्षा के पक्ष में दिल्ली के स्कूलों के शिक्षक भी परीक्षा कराने के पक्ष में है। जाफराबाद स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में कार्यरत शिक्षक सिराजुद्दीन बताते हैं कि वो छात्रों को लगातार फोन व मैसेज के माध्यम से संपर्क कर उनका मानसिक तनाव कम करने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही उनको परीक्षा देने के लिए तैयारी भी करवा रहे हैं। वो बताते हैं कि 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने से छात्रों को जीवन में परीक्षा की अहमियत पता चलेगी। अन्यथा परीक्षा न होने से उनकी पढ़ने-लिखने की आदत भी छूटेगी और वह बोर्ड की परीक्षा में बैठने का कभी भी अनुभव नहीं प्राप्त कर पाएंगे। ये अनुभव उनके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बोर्ड परीक्षा देने के बाद छात्रों को इन अंको को देखकर प्रेरणा मिलेगी की लाख चुनौतियों के बावजूद विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने परीक्षा दी और वो बेहतर अंक लाए।
वहीं, शिक्षक महेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि कोरोना काल में छात्रों की कक्षा आनलाइन माध्यम से ही हुई है। छात्रों के साथ उनके शिक्षकों ने भी पूरे साल मेहनत की है। अब कोरोना के मामलें जैसे ही थोड़े कम हो तो स्कूलों में सभी एहतियात बरतते हुए बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाए क्योंकि 12वीं की परीक्षा ही छात्रों के भविष्य की नींव होती हैं।
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