Delhi Suicide Case: हीरालाल को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, 4 बेटियों के साथ की थी खुदकुशी; पढ़ें क्या बोले पड़ोसी
Delhi Suicide Case राजधानी दिल्ली में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है। इस घटना से लोगों को बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या का मामला भी याद आ गया। दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित रंगपुरी गांव में रहने वाले हीरालाल ने अपनी चार बेटियों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। वहीं अब हीरालाल को लेकर एक अहम बात सामने आई है।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। Delhi Suicide Case दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित रंगपुरी गांव में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। यहां बुराड़ी जैसा सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया है। पिता ने अपनी चार बेटियों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मृतकों में शामिल दो बहनें दिव्यांग थी। इस सामूहिक सुसाइड मामल में एक अहम बात सामने आई है।
पड़ोसियों से भी बात नहीं करता था हीरालाल
Hiralal Suicide Case हीरालाल अपने परिवार के अलावा पड़ोसियों से भी बात नहीं करता था। वह चुपचाप कमरे से बाहर जाता था और दुकान से सामान लेकर आ जाता था। उसकी बेटियां भी बहुत ही कम घर से बाहर निकलती थीं। पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने कभी भी हीरालाल को बिल्डिंग में किसी से बात करने हुए नहीं देखा। वह अपने तीसरे फ्लोर पर भी किसी से बात नहीं करता था।
पुलिस को नहीं मिला सुसाइड नोट
पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इससे आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने बताया कि 46 वर्षीय हीरालाल शर्मा अपनी चार बेटियों 26 वर्षीय नीतू , 24 वर्षीय निक्की, 23 वर्षीय नीरू और 20 वर्षीय निधि के साथ रंगपुरी गांव में तीसरी मंजिल पर किराए के फ्लैट में रहता था। वह मूलरूप से बिहार के छपरा स्थित थाना मशरख के गोबिया गांव के रहने वाले थे।
9 महीने से ड्यूटी पर नहीं जा रहा था हीरालाल
हीरालाल पिछले 28 वर्षों से इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर वसंत कुंज में बढ़ई का काम करता था। उसे प्रतिमाह 25 हजार रुपये वेतन मिलता था, लेकिन वह जनवरी माह से ड्यूटी पर नहीं जा रहा था। जैसे तैसे परिवार का गुजारा कर रहा था।
2019 से इस बिल्डिंग में रहा था हीरालाल
हीरालाल वर्ष 2019 से बिल्डिंग में परिवार के साथ रह रहा था। इस दौरान उसने कभी भी मेरे या किसी अन्य पड़ोसी से बात नहीं की। एक साल पहले पत्नी की मौत के बाद बिल्कुल गुमसुम हो गया था। उसकी बेटियां भी कभी-कभी ही घर से बाहर निकलती थीं। - समरजीत, पड़ोसी
हीरालाल चुपचाप सुबह अपनी ड्यूटी चला जाता था। फिर शाम को भी बिना किसी से बात किए अपने कमरे में चला जाता था। हालांकि, पिछले काफी समय से ड्यूटी भी नहीं जा रहा था। - संगम, पड़ोसी
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मैंने कभी भी हीरालाल को किसी से बात करते हुए नहीं देखा। उसकी दो ही बेटियों को देखा है। दो के बारे में तो कोई जानकारी भी नहीं है। घटना के बाद पता चला कि उनकी चार बेटियां थीं। - पायल, पड़ोसी
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हीरालाल मेरी दुकान पर सामान लेने आता था। कभी भी अपनी या परिवार के बारे में बात नहीं करता था। सामान खरीदने के बाद पैसे देकर चुपचाप चला जाता था। - टीटू, पड़ोसी दुकानदार