दिल्लीवासी हो जाएं तैयार, पहली बार हो रहा दीपोत्सव का आयोजन; यमुना तट पर जलेंगे साढ़े तीन लाख से अधिक दीये
दिल्ली में पहली बार दीपोत्सव का आयोजन होगा जिसमें 350000 से अधिक दीये जलाए जाएंगे। यह आयोजन देव दीपावली गुरु पर्व और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के पूर्व हो रहा है। कार्यक्रम में ड्रोन और लेजर शो भी आयोजित किया जाएगा। इसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए आमजन विद्यार्थी और कलाकार भाग लेंगे। वासुदेव घाट पर स्थित बारादरी में भव्य राम दरबार का मंचन किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। 13 नवंबर की शाम राजधानी में पहली बार दिल्ली दीपोत्सव का आयोजन होगा। यह आयोजन देव दीपावली, गुरु पर्व और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के पूर्व हो रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा आयोजित इस समारोह में एलजी वीके सक्सेना शामिल होंगे और इस अवसर पर यमुना की आरती भी करेंगे।
यह कार्यक्रम कश्मीरी गेट आइएसबीटी के पास पुनर्विकसित वासुदेव घाट पर मनाया जाएगा। शुक्रवार को राजनिवास की ओर से इस आशय की जानकारी साझा की गई। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने 31 अक्टूबर के अंक में ही 'वाराणसी की तर्ज पर दिल्ली में भी दीपोत्सव' शीर्षक से यह खबर प्रकाशित कर दी थी।
साढ़े तीन लाख से अधिक दीये जलेंगे
राजनिवास के मुताबिक इस आयोजन में 3,50,000 से अधिक दीये जलाए जाएंगे, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए आमजन, विद्यार्थी और कलाकार भाग लेंगे। कार्यक्रम में ड्रोन और लेजर शो भी आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही, वासुदेव घाट पर स्थित 'बारादरी' में भव्य राम दरबार का मंचन किया जाएगा।घाट पर समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का होगा प्रदर्शित
एलजी द्वारा मार्च 2024 में उद्घाटित वासुदेव घाट, उनकी यमुना और नदी के बाढ़ क्षेत्र के पुनरुद्धार के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य शहर के लोगों को नदी के समीप लाना और उन्हें नदी की सफाई में भागीदार बनाना है। दिल्ली दीपोत्सव आध्यात्मिकता-पर्यावरणीय स्थिरता के संगम को प्रदर्शित करेगा। वासुदेव घाट भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करता है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से लाई गई मूर्तियां और कलाकृतियां शामिल हैं।
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लेजर शो से भगवान राम की झांकी दर्शाई जाएगी तो ड्रोन शो से पुष्प वर्षा और माल्यार्पण भी किया जाएगा। यह आयोजन शाम छह बजे के लगभग शुरू होगा और रात साढ़े सात-आठ बजे तक चलेगा। समापन पर बाकायदा प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था होगी। हालांकि सुरक्षा कारणों और भीड़ प्रबंधन के मद्देनजर दीपोत्सव में जनभागिता निमंत्रण पत्र से होगी।दीपोत्सव का यह आयोजन इसी बार नहीं, अब हर साल किया जाएगा। इस साल इसमें जन-सहभागिता सीमित संख्या में होगी, लेकिन अगले सालों में इसका दायरा भी और बढ़ाया जाएगा। भविष्य में लोगों को दीपोत्सव में शामिल होने के लिए बनारस अथवा अयोध्या नहीं जाना पड़ेगा। इसकी भव्यता व बेहतर आयोजन के लिए दीवाली के बाद एक बैठक भी की जाएगी। - वीके सक्सेना, उपराज्यपाल, दिल्ली