चूहे पर खौलता पानी डाला, मरने पर चिता बनाकर जलाई... दिल्ली की नामी यूनिवर्सिटी के छात्रों की करतूत; PETA तक पहुंचा मामला
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DTU) के दो छात्रों के खिलाफ के चूहे के साथ क्रूरता बरतने के आरोप में उत्तरी जिले के शाहबाद डेरी थाने में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन छात्रों पर चूहे को फंसाने और उस पर खौलता पानी डालकर मारने का आरोप लगाया गया है। छात्रों द्वारा मजाक में जानवर का दाह संस्कार भी किया गया।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DTU) के दो छात्रों के खिलाफ के चूहे के साथ क्रूरता बरतने के आरोप में उत्तरी जिले के शाहबाद डेरी थाने में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन छात्रों पर चूहे को फंसाने और उस पर खौलता पानी डालकर मारने का आरोप लगाया गया है।
छात्रों द्वारा मजाक में जानवर का दाह संस्कार भी किया गया और उस वीडियो को एक्स पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद इस मामले में जानवरों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे पशु-अधिकार संगठन पेटा (PETA) की शिकायत के आधार पर 28 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई थी।
वीडियो को सोशल साइट्स से हटाया
संस्था की ओर से को-आर्डिनेटर और अधिवक्ता सुनयना बासु ने बताया कि जानवरों के साथ ऐसा व्यवहार देखने के बाद वीडियो के आधार पर शिकायत की गई। जिसके बाद एक्स से पोस्ट को हटा दिया गया है। उन्होंने इस बारे में कॉलेज के डीन व अन्य प्रोफेसर से भी बात करने की बात कही है।इंसानों के साथ भी कर सकते हैं बुरा
जानवरों के साथ हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि यह बातें सर्वे में भी सामने आई हैं कि जो लोग जानवरों को परेशान या एब्यूज करते हैं वह आपराधिक प्रवृत्ति के तहत इंसानों के साथ भी बुरा कर सकते हैं। इसलिए उन्हें शुरूआत में रोकने की जरूरत हैं।
अगर छात्र ऐसा करें तो काफी चिंताजनक
ऐसे में यदि देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्र ही ऐसा करने लगे तो यह काफी चिंताजनक है। पेटा की ओर से यह सुझाव दिया गया है कि छात्रों का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन से गुजरना चाहिए और परामर्श प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि जानवरों के साथ दुर्व्यवहार गहरी मनोवैज्ञानिक गड़बड़ी का संकेत देता है।चूहों को फंसाने वाले गोंद पर रोक लगाने की मांग
इसके अलावा उन्होंने बाजार में मिलने वाली चीजों को लेकर चूहों को फंसाने के लिए ग्यू ट्रैप पैड (मजबूत गोंद में चूहे को फंसाने का उपकरण) के प्रयोग को लेकर कहा कि इसपर रोक लगाने के लिए कैंपेन चलाए जाने के बाद यह बाजार में मिल रहे हैं।
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