Delhi Trade Fair 2019: आकर्षण का केंद्र बनी 1.2 लाख की रेशमी साड़ी, जानें इसकी खासियत
व्यापार मेले में इन दिनों एक लाख 20 हजार की साड़ी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। साड़ी की खास बात यह है कि इसे निगम के सफाई कर्मचारियों ने तैयार किया है।
नई दिल्ली [किशन कुमार]। प्रगति मैदान में आयोजित 39वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इन दिनों एक लाख 20 हजार की साड़ी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस साड़ी को देखने के लिए हॉल नंबर सात के पास बने स्टॉल नंबर 16 पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। इस साड़ी की खास बात यह है कि इसे निगम के सफाई कर्मचारियों ने तैयार किया है। मेले का आज यानी बुधवार आखिरी दिन है। ऐसे में इसको देखने या खरीदने का मौका सिर्फ आज भर का ही है।
सामाजिक न्याय एवं संस्कृति मंत्रलय के सहयोग से लगाए गए इस पंडाल में रेशम की भी कई किस्में देखने को मिल जाएंगी। स्टॉल संचालिका ममता सांगते ने बताया कि लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी इस साड़ी को पांच लोगों ने मिलकर करीब तीन साल की मेहनत से तैयार किया है।
इसके लिए आमतौर पर बंगाल से कच्ची सामाग्री को खरीदा जाता है। उन्होंने बताया कि इस साड़ी में जामदनी कार्य किया गया है। इसमें रेशे के एक एक धागे को पिरोकर बनाया गया है। इस साड़ी की खास बात यह भी है कि अपनी मजबूती के कारण यह कई वर्षो तक सुरक्षित रह सकती है। इस वजह से इसे पंरपरा साड़ी भी कहा जाता है।
जैविक रेशम से तैयार की गई हैं साड़ियां
ममता ने बताया कि आमतौर पर मृत रेशम के कीड़े से प्राप्त रेशम से ही साड़ियों को बनाया जाता है, लेकिन सफाई कर्मियों ने इन साड़ियों को जैविक रेशम से तैयार किया है। इसके लिए रेशम के कीड़े को एक बक्से के अंदर छोड़ दिया जाता है। इसके बाद वह मकड़ी की तरह अपना रेशा छोड़कर जाल बना लेता है। इसी रेशम को निकालकर साड़ियों का निर्माण होता है। पंडाल में भी कई किस्म की रेशम की साड़ियों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें कच्ची रेशम, गिच्चा, कटिया, शुद्ध, जामदनी व ऊतक रेशम प्रमुख हैं। इन सभी रेशम में रूई व धागों का भी इस्तेमाल किया गया है।
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