ऐतिहासिक पठान महल का सरकारी बंगला बनेगा प्रशिक्षण केंद्र, जल बोर्ड ने तोड़े गए हिस्से में दी मंजूरी
दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने विवादित रूप से 15वीं सदी के पठान महल को ध्वस्त कर प्रशिक्षण केंद्र खोलने की मंजूरी दी। पुरातत्व विभाग ने महल को ऐतिहासिक स्थल घोषित किया था लेकिन आरोप है कि तत्कालीन सीईओ ने इसे तोड़कर अपना बंगला बना लिया। भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच अब उसी स्थान पर प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने जिस 15 वीं शताब्दी के ऐतिहासिक महल ऑफ पठान को गिराकर अपना बंगला बना लिया था, उसमें अब मानव संसाधन और अभियंता प्रशिक्षण केंद्र खुलेगा। जल बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है। लाजपत नगर के जल विहार स्थित इस महल को दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग ने ऐतिहासिक भवन के रूप में संरक्षित करने के लिए चिन्हित किया था।
महल के अधिकांश हिस्से गायब
पुरातत्व विभाग ने 19 जनवरी, 2021 को जल बोर्ड को पत्र लिखकर महल आफ पठान की भूमि सौंपने की मांग की थी। जनवरी, 2023 में पुरातत्व विभाग की टीम जब वहां पहुंची तो ऐतिहासिक महल के अधिकांश हिस्से गायब थे। उसके स्थान सरकारी आवास बना हुआ था।
हाई कोर्ट के आदेश पर किया खाली
आरोप है कि जल बोर्ड के तत्कालीन सीईओ उदित प्रकाश राय के आदेश पर महल के एक हिस्से को तोड़कर सरकारी आवास बनाया गया था। उसमें वह अपने परिवार के साथ रहते थे। वह 31 मई, 2022 तक जल बोर्ड के सीईओ रहे थे। मिजोरम स्थानांतरण होने के बाद भी उनका परिवार उस बंगले में रहता था। हाई कोर्ट के निर्देश पर उन्होंने इसे खाली किया था।
प्रशिक्षण केंद्र खोलने का निर्णय
राय पर जल बोर्ड में सीईओ रहते हुए भ्रष्टाचार और अपनी एनुअल परफार्मेंस असेसमेंट रिपोर्ट (एपीएआर) पर फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप लगे थे। गृह मंत्रालय ने उन्हें जुलाई, 2023 में निलंबित कर दिया था। मामले की जांच अभी चल रही है। शुक्रवार को हुई दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में महल ऑफ पठान को तोड़कर बने सरकारी आवास में मानव संसाधन और अभियंता प्रशिक्षण केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।