Delhi: उम्र पूरी कर चुके वाहनों के मालिकों के लिए परिवहन विभाग ने जारी किया पर्चा, अब भ्रांतियां होगी दूर
समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के तहत राजधानी दिल्ली में वाहनों की लाइफ खत्म हो जाने पर इन वाहनों का क्या करना चाहिए। इसको लेकर लोगों में अक्सर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में परिवहन विभाग ने एक पर्चा (ब्रॉशर) जारी कर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। अब वाहन मालिकों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
By V K ShuklaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sun, 25 Jun 2023 12:16 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के तहत दिल्ली में वाहनों की लाइफ खत्म हो जाने पर इन वाहनों का क्या करना चाहिए। इसको लेकर लोगों में अक्सर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में परिवहन विभाग ने एक पर्चा (ब्रॉशर) जारी कर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।
इसमें बताया गया है कि वाहनों की लाइफ पूरी हो जाने पर उन्हें कैसे स्क्रैप कराएं या देश के अन्य राज्यों में उन्हें चलाने के लिए एनओसी कैसे प्राप्त करें। इसके अलावा यदि लाइफ पूरी कर चुके वाहनों को पकड़ लिया जाता है तो उस स्थिति में क्या किया जाए।
वेबसाइट पर जाकर लें जानकारी
विभाग के अनुसार ऐसे में पहले परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने वाहन की लाइफ या डी-रजिस्टर्ड वाहनों की सूची देंखे। इसके बाद रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसेलिटी (आरवीएसएफ) से संपर्क करें।आरवीएसएफ आपसे संपर्क कर वाहन को उठाएंगे और इसके साथ ही आपको वाहन डिपोजिट का एक सर्टिफिकेट देंगे।वाहन स्क्रैपिंग के बाद इसकी धनराशि आपके खाते में आ जाएगी। ऐसा केवल वाहन स्क्रैपिंग के स्वैछिक मामले में होगा यदि वाहन की लाइफ खत्म होने के बाद भी आपने वाहन को सड़क पर चलाया तो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की टीम इस वाहन को जब्त कर लेगी और आरवीएसएफ के सुपुर्द कर देगी।
इसके बाद वाहन के मालिक को आरवीएसएफ की ओर से सीजर मेमो प्राप्त होगा। सीजर मेमो के बारे में आरवीएसएफ आपसे संपर्क करेंगे। इसके बाद आरवीएसएफ आपसे वाहन को कलेक्ट करेंगे और इसके बाद आपको वाहन जमा कराने का एक प्रमणपत्र भी दिया जाएगा।वाहन स्क्रैपिंग के बाद इसकी धनराशि आपके खाते में आ जाएगी।
वहीं, एनओसी प्राप्त करके अन्य राज्यों में वाहन का संचालन करने के मामले में पेट्रोल व डीजल वाहनों को लेकर अलग-अलग नियम हैं। डीजल वाहनों के लिए 10 साल तक व पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल तक देश के अन्य हिस्सों में चलाने के लिए एनओसी जारी की जाएगी। इन निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अपनी लाइफ पूरी कर चुके (10 वर्ष डीजल और 15 वर्ष पेट्रोल वाहन) निजी संपत्ति पर ही खड़ा करना सुनिश्चित करें।
यहां बता दें कि दिल्ली में पेट्रोल वाहनों की लाइफ 15 साल और डीजल वाहनों की लाइफ 10 साल है।यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि अगर अपने वाहन को दूसरे राज्य में पंजीकृत कराना चाहते हैं तो उम्र पूरी होने से पहले कम से कम छह माह से ही प्रक्रिया शुरू कर दें।सबसे पहले यह पता लगाएं कि वाहन का कोई चालन तो नहीं है, अगर है तो पहले चालान भरें, फिर इस कार्य के लिए आवेदन करें।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।