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Delhi: एमबी रोड पर झुग्गीवासियों का विरोध प्रदर्शन, पथराव में अर्धसैनिक बल के जवान घायल; DTC बस के टूटे शीशे

Delhi दिल्ली के तुगलकाबाद गांव की लाल बत्ती के रविवार को स्थानीय झुग्गीवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। पथराव में अर्धसैनिक बलों के कुछ जवान घायल हो गए। वहीं डीटीसी की बसों के शीशे टूट गए। (फोटो-जागरण)

By Rajneesh kumar pandeyEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Sun, 15 Jan 2023 08:55 PM (IST)
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दिल्ली के तुगलकाबाद में झुग्गीवासियों ने किया विरोध प्रदर्शन

दक्षिणी दिल्ली, जागरण संवाददाता। एमबी रोड पर तुगलकाबाद गांव की लाल बत्ती के रविवार को स्थानीय झुग्गीवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी बसों के कांच तोड़ दिए और एमबी रोड को जाम कर दिया।

भयंकर जाम से जूझे लोग

प्रदर्शन के चलते करीब आधे घंटे तक एमबी रोड पर भयंकर जाम से लोगों को जूझना पड़ा। मामले की सूचना मिलने के बाद मौके पर दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों ने पहुंच कर मोर्चा संभाला। सत्रों का कहना है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव भी किया, जिससे दिल्ली पुलिस व अर्धसैनिक बल के कुछ जवान घायल भी हुए।

बता दें कि तुगलकाबाद किला इलाके में अतिक्रमणकारी झुग्गीवासियों को 11 जनवरी को आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) द्वारा 15 दिन के अंदर किला इलाके से अतिक्रमण खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।

माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है

तब से वहां पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और इलाके में किसी भी तरह के उपद्रव इत्यादि को रोकने के लिए अर्धसैनिक बल की कुछ टुकड़ियों को स्थाई रूप से भी तैनात किया गया है। गौरतलब है कि तुगलकाबाद किला इलाके में बुधवार को एएसआई द्वारा करीब एक हजार घरों पर नोटिस लगाया गया है।

नोटिस में ASI की ओर से लिखा गया है कि यह पाया गया है कि तुगलकाबाद किला क्षेत्र की दीवारों के भीतर कुछ व्यक्तियों द्वारा निर्माण कार्य किया गया है। इसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का घोर उलंघन और अतिक्रमण माना गया है।

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जिसके चलते तुगलकाबाद किला क्षेत्र के अंदर मकानों के कब्जाधारियों अथवा अतिक्रमणकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे इस नोटिस के जारी होने की तारीख से 15 दिनों की अवधि के भीतर सभी अवैध निर्माणों को अपने खर्चे से हटा दें, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ उनकी लागत और जोखिम पर कानून के अंतर्गत ध्वस्तीकरण सहित अन्य सारी कार्रवाई की जाएगी।

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