Delhi: 5 वर्ष की बच्ची के पैर की दो अंगुलियां हाथ में प्रत्यारोपित, 12 डॉक्टरों की टीम ने की सफल सर्जरी
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने पांच वर्षीय बच्ची के दायें पैर की दो अंगुलियों को निकालकर उसके दायें हाथ में प्रत्यारोपित किया है। इस सर्जरी को 12 डॉक्टरों की टीम ने पिछले मंगलवार को की थी।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 21 May 2023 08:21 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने राजस्थान के अलवर की रहने वाली पांच वर्षीय बच्ची के दायें पैर की दो अंगुलियों को निकालकर उसके दायें हाथ में प्रत्यारोपित किया। विभाग के प्रोफेसर डॉ. राकेश कैन के नेतृत्व में 12 डॉक्टरों की टीम ने पिछले मंगलवार को नौ घंटे में यह सफल सर्जरी की।
अंगुलियों में सामान्य रूप से बह रहा है खून: डॉक्टर
अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची के हाथ में लगी अंगुलियों में रक्त संचार सामान्य रूप से हो रहा है। जल्द ही वह ठीक हो जाएगी और उसकी हाथ की अंगुलियां काम करने लगेंगी। इससे वह अपना दैनिक कामकाज कर सकेगी। साथ ही पढ़ाई भी शुरू कर सकेगी।
यह बहुत जटिल सर्जरी है
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएल शेरवाल ने कहा कि यह बहुत जटिल सर्जरी है। इस तरह की सर्जरी बहुत कम अस्पतालों में हुई है। अस्पताल के अनुसार दो वर्ष पहले मायरा नामक इस बच्ची के दोनों हाथ की अंगुलियां चारा मशीन से कट गई थीं। उस वक्त परिवार के लोग कटे हुए अंगुलियों को लेकर नजदीक के अस्पताल में गए थे लेकिन वहां हाथ के कटे हुए हिस्से को जोड़ने की सुविधा नहीं होने के कारण अंगुलियां जुड़ नहीं पाई थीं। इस वजह से वह अपना दैनिक काम भी खुद नहीं कर पाती थी। खिलौनों से खेल भी नहीं पाती थी।स्कूल में नहीं करवाया दाखिला
यह सोचकर उसका किसी स्कूल में दाखिला नहीं कराया गया था क्योंकि स्वजन को लगता था कि वह हाथ में अंगुली न होने से लिख नहीं पाएगी। उसके पिता नेत राम को सफदरजंग अस्पताल के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी विभाग में अंगुलियों के प्रत्यारोपण की जानकारी मिली। तब वह जनवरी में उसे लेकर यहां पहुंचे। बर्न व प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने बच्ची का इलाज शुरू किया और पैर की अंगुलियों को हाथ में प्रत्यारोपित करने का फैसला किया। डा. राकेश ने बताया कि बच्ची के बायें पैर के अंगूठे और उसके पास की अंगुली को निकाला गया और उसे दायें हाथ में अंगूठे और उसके पास की अंगुली की जगह प्रत्यारोपित किया गया।इस तरह की सर्जरी में अंगुलियों व हाथ की नसों को आपस में जोड़ना सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। थोड़ी सी चूक होने पर अंगुली खराब होने की संभावना रहती है, लेकिन सर्जरी सफल रही। सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक सर्जरी हुई थी। बर्न व प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. शलभ कुमार ने कहा कि माइक्रोस्कोप की मदद से इस तरह की सर्जरी की जाती है। माइक्रोस्कोप से देखकर नसों को जोड़ा जाता है।
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