DU 100th Convocation: डीयू के छात्रों को दी गई डिग्रियां, उपराष्ट्रपति बोले- विकसित भारत 2047 के लिए लॉन्च पैड है अमृत काल
भारत आशा और अवसरों की भूमि है। हमारा अमृत काल विकसित भारत 2047 के लिए एक लॉन्च पैड है। भ्रष्टाचार के बादल अब छट गए हैं। शासन बाधा बनने के बजाए अब साथ दे रहा है। सत्ता के गलियारों से भ्रष्टाचार को सेनेटाइज कर दिया गया है। यह बात उपराष्ट्रपति ने कही। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में 100वें दीक्षा समारोह के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारत आशा और अवसरों की भूमि है। हमारा अमृत काल विकसित भारत 2047 के लिए एक लॉन्च पैड है। भ्रष्टाचार के बादल अब छट गए हैं। शासन बाधा बनने के बजाए अब साथ दे रहा है। सत्ता के गलियारों से भ्रष्टाचार को सेनेटाइज कर दिया गया है। यह बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कही। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में 100वें दीक्षा समारोह के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा, अब अवसर योग्यता से तय होते हैं, संरक्षण से नहीं। लोकतंत्र के लिए सर्वोत्कृष्ट कानून के समक्ष समानता अब केवल एक संवैधानिक आदर्श नहीं है, बल्कि यह एक स्वीकृत वास्तविकता है। उपराष्ट्रपति युवाओं से उन लोगों को बेअसर करने का आह्वान किया जो राष्ट्रीय छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं।धनखड़ ने कहा, उन लोगों से सावधान रहें, जिनके पास राष्ट्र-विरोधी आख्यानों को बढ़ावा देने की अतृप्त भूख है। उन लोगों से सावधान रहें जो हमारे तेजी से बढ़ते आर्थिक और विकासात्मक उत्थान के प्रति शुतुरमुर्ग रुख अपनाते हैं। उन लोगों से सावधान रहें जो राष्ट्र की सेवा करने की बात आने पर अराजकता फैलाते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा, याद रखें, आप सभी भारत@2047 की मैराथन यात्रा में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
इसकी सफलता आपके कंधों पर है, मुझे पूरी आशा और विश्वास है कि राष्ट्र सफल होगा, क्योंकि आप असफल होने का जोखिम नहीं उठा सकते। आप न केवल अपनी नियति के निर्माता हैं, बल्कि हमारे साझा भविष्य के भी निर्माता हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि आप ऐसी दुनिया में हैं जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता उन समस्याओं को हल करती है, जिन्हें हम असंभव मानते थे। जहां क्वांटम कंप्यूटिंग ब्रह्मांड के रहस्यों को खोलती है।
जहां ब्लाकचेन और मशीन लर्निंग संचार और नेटवर्किंग सिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं। प्रौद्योगिकियों की इस क्रांति में भारत सबसे आगे है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन सिर्फ एक उदाहरण है। हम दुनिया के उन सात देशों में से एक हैं, जो इस गेम-चेंजिंग तकनीक की सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने दीक्षा समारोह परिधान को लेकर कहा कि यह भारतीय संस्कृति से अधिक मेल खाता है। इससे पहले चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की। इस मौके पर दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, स्कूल आफ ओपन लर्निंग की निदेशक प्रो. पायल मागो, कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता मौजूद रहे।
उपराष्ट्रपति ने नौ मेधावियों को पहनाए पदक
उपराष्ट्रपति ने नौ मेधावियों को मेडल और पुरस्कार प्रदान किए। इनमें मिरांडा हाउस की खुशी कुमार को डा शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति) गोल्ड मेडल, राजकुमारी अमृत कौर कालेज आफ नर्सिंग की जिशा श्रीवासत्व को एमएससी नर्सिंग के लिए द प्रेसीडेंट्स गोल्ड मेडल, होली फैमिली कालेज आफ नर्सिंग की अंजलि शर्मा को बीएससी (आनर्स) नर्सिंग के लिए द प्रेसीडेंट्स सिल्वर मेडल, कामर्स स्ट्रीम में श्री राम कालेज आफ कामर्स के आदित्य यादव को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल (दिव्यांग), साइंस स्ट्रीम में शहीद सुखदेव कालेज आफ बिजनेस स्टडीज की प्रेस्ठा हुड्डा को वाइस चांसलर्स गोल्ड मेडल (दिव्यांग छात्रा), सेंट स्टीफेंस कालेज से मोनिका को डा. सीडी देशमुख मेमोरियल गोल्ड मेडल सहित पांच मेडल, मौलाना आजाद मेडिकल कालेज की अन्नेशा चक्रबोरती को आर विश्वनाथन मेडल-2021 सहित पांच मेडल, मिरांडा हाउस की मीनाक्षी को प्रो. राम बिहारी मेडल सहित कुल चार मेडल और हिंदू कालेज से मोहम्मद अक्यूब खान को प्रो. आरपी मित्रा गोल्ड मेडल सहित चार मेडल प्रदान किए गए। समारोह के दूसरे चरण में मेडल और पुरस्कार प्राप्त करने वाले बाकी सभी विद्यार्थियों को डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा मेडल और पुरस्कार प्रदान किए गए।
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