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दिल्ली यूनिवर्सिटी में जूनियर छात्रों का उत्पीड़न, ईमेल में बयां किया दर्द; एक छात्र पैनिक अटैक से हुए बेहोश

Delhi University दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय (FMS) में इस तरह की घटना सामने आई है। जूनियर छात्रों ने ईमेल के जरिए शिकात में बताया कि सीनियर ने उनके साथ उत्पीड़न किया है। उन्होंने कई तरह के असाइनमेंट करने को दिए जिनसे उनकी नींद खराब हुई। उनका उत्पीड़न किया गया। उन्होंने कई बार गलत बोला गया। उनका अपमान किया गया।

By uday jagtap Edited By: Geetarjun Published: Sun, 30 Jun 2024 10:23 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2024 10:23 PM (IST)
डीयू के प्रबंधन संकाय में जूनियर ने लगाया सीनियर पर उत्पीड़न का आरोप।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के प्रबंधन अध्ययन संकाय (एफएमएस) में प्रथम वर्ष के कई छात्रों ने अपने सीनियर पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए यूजीसी में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद संस्थान प्रशासन ने मामले की जांच की है। जांच में कुछ भी सामने आने से संस्थान ने इनकार किया है, हालांकि सही साक्ष्य मिलने पर उचित कार्रवाई किए जाने की बात भी कही है।

22 और 23 जून को जूनियर छात्रों की ओर से अलग-अलग शिकायतें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को की गई हैं। शिकायत में छात्रों ने आरोप लगाया है कि उन्हें देर रात 2:30 बजे जैसी अजीब समयसीमा वाले कार्य सौंपे गए थे और परिसर में सुबह पांच बजे बातचीत के लिए बुलाया गया था, जिसमें विफल रहने पर उन्हें ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट सपोर्ट से छूट के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था।

प्लेसमेंट सेल सीनियर चलाते हैं

एफएमएस का प्लेसमेंट सेल सीनियर द्वारा चलाया जाता है। जो मेल भेजे गए हैं, उनमें जूनियर छात्रों ने शिकायत की है कि उन्हें देर रात 10 बजे असाइनमेंट दिए गए थे और उन्हें देर रात 2:29:59 बजे तक जमा करने के लिए कहा गया था।

15 जून के बाद मिला खूब काम

छात्र ने आरोप लगाया कि 15 जून के बाद से, हमसे अत्यधिक काम लिया गया, नींद भी पूरी नहीं करने दी गई। धमकियों का शिकार बनाया गया और अक्षम महसूस कराया गया। जैसे कि अत्यधिक दबाव पर्याप्त नहीं था, सीनियर हमारे सवाल और जवाब पर ऐसी प्रतिक्रिया देते हैं, जिसका उद्देश्य हतोत्साहित और अपमानित करना होता है।

ईमेल में लगाया आरोप

घटना की जानकारी देने वाले एक अन्य ईमेल में आरोप लगाया गया है कि इस व्यवहार के कारण एक छात्र को परिसर में पैनिक अटैक आया और वो बेहोश हो गया।

डीन ने मामले में क्या कहा

एफएमएस के डीन प्रो. ए वेंकट रमन ने कहा, एमबीए छात्रों को कॉरपोरेट एक्सपोजर के लिए केस स्टडी दी जाती है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट रिलेशन एंड प्लेसमेंट समिति होती है। इसे सीनियर छात्र चलाते हैं। छात्र इसमें चुने जाते हैं और प्रक्रिया पूरी तरह से लोकतांत्रिक होती है। जब से संस्थान है ऐसा कभी नहीं हुआ है।

कॉरपोरेट के तौर-तरीके समझाने के लिए

जूनियर छात्रों को कॉरपोरेट के तौर-तरीके समझ आएं, इसलिए उनको प्रोजेक्ट दिए जाते हैं। सीनियर छात्र जूनियर के साथ उतनी मेहनत करते हैं। उनका उद्देश्य उनकी मदद करना ही है। मामला संज्ञान में आने पर एंटी रैगिंग कमेटी को बुलाया गया और सभी छात्रों से बात की गई, लेकिन आरोप सही नहीं पाए गए। फिर भी सभी छात्रों से बातचीत की जा रही है।

उन्होंने कहा, छात्रों के साथ कुछ ज्यादती होती है तो वे एंटी रैगिंग कमेटी में सीधे शिकायत कर सकते हैं। छात्रों की जो सेल होती है, उसकी निगरानी शिक्षक करते हैं। यूजीसी की ओर से सवाल पूछे गए थे। उसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने सभी हितधारकों से बातचीत की है और सारे आरोप गलत मिले हैं। संस्थान की ओर से यूजीसी को जवाब भेज दिया गया है।


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