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किराये के बोझ से ढीली हो रही DU के छात्रों की जेब, न मेट्रो के रियायती पास मिले; न ही यू बस की सुविधा मिली

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए सार्वजनिक परिवहन एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्हें हर महीने हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। डूसू की यू स्पेशल बसें भी सिर्फ उत्तरी परिसर के लिए हैं। मेट्रो पास के लिए सरकार को कई आवेदन भेजे गए हैं. लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया। अब स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) 12 नवंबर को परिवहन मंत्रालय पर प्रदर्शन करने जा रहा है।

By uday jagtap Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 11 Nov 2024 08:07 AM (IST)
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दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद छात्र-छात्राएं। फाइल फोटो- जागरण
उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की जेब सार्वजनिक परिवहन के बोझ से ढीली हो रही है। इसके लिए कोई रास्ता नहीं निकाला जा पा रहा है। छात्रों को हर महीने तीन से चार हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

सितंबर महीने में डूसू की ओर से यू स्पेशल बस चलाई गईं थीं, लेकिन वह उत्तरी परिसर के लिए ही थीं और उनकी संख्या से बहुत असर नहीं पड़ा। अब मेट्रो रियायती पास के लिए स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) भी 12 नवंबर को परिवहन मंत्रालय पर प्रदर्शन करने जा रहा है।

हर महीने किराये पर खर्च हो रही बड़ी राशि

अदिति कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने कहा, वह नोएडा में रहती हैं। हर रोज कॉलेज आती हैं। आने-जाने में उनके हर रोज 150 रुपये खर्च हो जाते हैं। एक बड़ी राशि हर महीने किराये पर खर्च हो रही है। छात्रा ने कहा, कॉलेज काफी दूर है और बस से जाने अधिक समय लगता है।

दक्षिणी परिसर के वेकेंटेश्वर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र रजनीश ने कहा, वह पश्चिमी दिल्ली में रहते हैं। यहां से आने में उन्हें परेशानी होती है। छात्रों के लिए विशेष बसें संचालन करने की जरूरत है। उनमें रियायत होनी चाहिए। इससे छात्रों का समय बचेगा।

डीयू के एक प्रोफेसर ने कहा, पहले डीटीसी की बसों में छात्रों को रियायत दी जाती थी। बाद में छात्रों ने विशेष बसें संचालन की मांग की और बसें चलाई भी गईं, लेकिन, रेवेन्यू घटने का हवाला देते हुए बंद कर दी गईं। तब से छात्रों को सुविधा नहीं मिल पा रही है।

12 नवंबर को परिवहन मंत्रालय के बाहर होगा प्रदर्शन

एसएफआई दिल्ली की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, मेट्रो रियायती पास जारी करने के लिए हमने हस्ताक्षर अभियान चलाया। इसमें 25 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया। सभी ने रियायती पास मुहैया कराने की बात कही है। गूगल फार्म भी हजारों छात्रों से भरवाए हैं। इसके बाद 12 नवंबर को परिवहन मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है।

आइशी ने कहा, पहले तो यू स्पेशल बस पूरे दिल्ली में चल नहीं रही हैं। उससे सफर छात्राओं के लिए लंबा और थकाने वाला होता है। कई छात्राओं की कक्षाएं शाम को खत्म होती हैं, उन्हें बस से सफर करना असुरक्षित भी लगता है। सिर्फ डीयू के लिए ही नहीं हर छात्र के लिए मेट्रो रियायती पास जारी होना चाहिए।

मेट्रो पास के लिए सरकार को कई आवेदन भेजे गए

डूसू सचिव अपराजिता ने कहा, चुनाव से पहले डूसू ने दो यू स्पेशल बसें चलाईं हैं, जो अभी तक संचालित हैं। कोविड के दौरान डूसू को जो फंड उपयोग नहीं हुआ है, उसका उपयोग बसें चलाने के लिए करने की विश्वविद्यालय से गुजारिश की गई है। नए डूसू गठन के बाद यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। मेट्रो पास के लिए दिल्ली सरकार को कई आवेदन भेजे गए, लेकिन उन्हाेंने काई संज्ञान नहीं लिया।

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