Move to Jagran APP

Delhi News: डीयू के स्ट्रैटेजिक प्लान पर मुहर, आईडीपी के लिए बनी समिति; लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने 2024 से 47 तक के लिए स्ट्रैटेजिक प्लान को मंजूरी दे दी है। साथ ही सांस्थानिक विकास योजना (आईडीपी) पर सदस्यों के विरोध के बाद कुलपति को अधिकृत करते हुए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। बैठक में सेंट स्टीफेंस कॉलेज और डीयू में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विवाद का मुद्दा भी उठा। पाठ्यक्रमों में बदलावों को भी पारित किया गया।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 08:55 AM (IST)
Hero Image
2024 से 47 तक स्ट्रैटेजिक प्लान को पारित कर दिया गया है। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की 1020वीं बैठक में 2024 से 47 तक स्ट्रैटेजिक प्लान को पारित कर दिया गया है। पहले इसको लेकर विरोध था और इसमें शामिल सामग्री को नकल की हुई बताया गया था। बदलाव के बाद इसे दोबारा बैठक में पेश किया गया।

इसके साथ ही सांस्थानिक विकास योजना (आईडीपी) पर सदस्यों के विरोध के बाद कुलपति को अधिकृत करते हुए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसके सुझावों के बाद आईडीपी को कुलपति स्वयं पारित करेंगे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने स्ट्रैटजिक प्लान पर कहा कि विकसित भारत में अपनी भूमिका के लिए डीयू की यह योजना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

यह प्लान एक व्यवस्थित प्रक्रिया है, जो मिशन-क्रिटिकल कार्य के लिए आवश्यक प्राथमिकताओं के प्रति प्रतिबद्धता बनाती है। इसका उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक लाभ प्रदान करने वाले एक प्रमुख बहु-विषयक गहन अनुसंधान विश्वविद्यालय के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करना है। उत्कृष्टता, नवाचार और उद्यमशीलता की भावना इसके मूल में होगी।

ब्रांडिंग, संसाधन निर्माण, परोपकार और वैश्वीकरण के मुख्य मापदंडों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा और छात्रों का अनुभव, अनुसंधान, विश्वविद्यालय समुदाय, परिसरों और स्थानीय समुदाय के बीच कनेक्ट, अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों और उद्योग के साथ सहयोग और वैश्विक प्रभाव जैसे लक्ष्यों के माध्यम से डीयू 2047 की परिकल्पना है।

वहीं, अकादमिक परिषद की बैठक में सेंट स्टीफेंस कॉलेज और डीयू में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विवाद का मुद्दा उठा। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने परिषद के सदस्यों की एक समिति का गठन किया है। समिति कालेज जाकर प्राचार्य से बातचीत करेगी। समिति में डा. हरेंद्र तिवारी, डा. माया जॉन और डा. आलोक पांडेय को शामिल किया गया है।

बैठक में भारी विरोध का सामना करना पड़ा

आईडीपी को अकादमिक परिषद की बैठक में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने विरोध जताया। एनडीटीएफ के प्रो. हरेंद्र तिवारी ने कहा कि छात्रों के फीडबैक को शिक्षकों की पदोन्नति से जोड़ा गया है। हमने इसका विरोध किया है। इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस के सदस्य प्रो. मेघराज ने कहा कि आइडीपी में छात्रों से फंड सृजित करने पर जोर दिया गया है।

वहीं, पिछले वर्षों में यूजीसी की ग्रांट कम हुई है। छात्रों से सृजित फंड बढ़ रहा है। यह विश्वविद्यालय को निजीकरण की ओर ले जाने की तैयारी है। डीयू अधिक स्ववित्त पोषित कोर्स शुरू करना चाहता है। इस विरोध के बाद कुलपति को आइडीपी पर स्वीकृति के लिए अधिकृत किया गया है। तीन सदस्यीय सिमिति बनाई गई है।

इसमें रामजस कालेज के प्राचार्य प्रो. अजय अरोड़ा, श्यामलाल कालेज के प्राचार्य प्रो. नचिकेता सिंह और प्रो. राजीव गुप्ता शमिल हैं। प्रो. अरोड़ा ने कहा कि सदस्यों ने जिन बिंदुओं पर विरोध जताया है, उन पर विचार किया जाएगा और बदलाव के बाद ही इसे पारित कराने के लिए कुलपति के पास भेजा जाएगा।

आईडीपी पर भारी विरोध

इरफान हबीब के लेख पाठ्यक्रम से हटाए बैठक में पाठ्यक्रमों में बदलावों को पारित किया गया। दिल्ली थ्रू द एजेस: द मेकिंग आफ इट्स अर्ली मार्डन हिस्ट्री नामक जेनरिक इलेक्टिव पेपर में कई बदलाव कर पेश किया गया। कुछ सदस्यों ने विरोध जताया और कहा कि पाठ्यक्रम में लगातार बदलाव किया जा रहा है। सजेस्टेड रीडिंग से जाने-माने इतिहास के लेख हटाए गए हैं। इंद्रप्रस्थ और योगिनी का पुरा का जिक्र है।

यह भी पढ़ें- मानवीय सेवा और आध्यात्मिकता के संगम है राहुल वर्मा, नीम करौली बाबा के अनुयायी और संदेशों के प्रणेता

डा. माया जॉन ने कहा कि इंद्रप्रस्थ और योगिनी पुरा का कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है। ऐसे में मिथक और कहानियों को पुस्तकों में जोड़ना ठीक नहीं है।

यह भी पढ़ें- पराली जलाने पर अब जाना पड़ेगा जेल, सीएक्यूएम ने जिला अधिकारियों को दिए विशेष अधिकार; SC ने लगाई थी फटकार

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें