Delhi: 80 देशों के प्रवासी हिंदुओं को साथ जोड़ेगी विहिप; ‘जहां हिंदू, वहां हम’ लक्ष्य को जल्द किया जाएगा पूरा
प्रवासी भारतीय दिवस को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। बड़े उत्साह के साथ देशवासियों द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा रहा है। आने वाले वक्त भारत का है... के नारे के साथ विश्व भर के प्रमुख भारतवंशियों का जुटान देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में हुआ है।
By Nimish HemantEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Tue, 10 Jan 2023 12:03 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बड़े उत्साह के साथ देशवासियों द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा रहा है। आने वाले वक्त भारत का है... के नारे के साथ विश्व भर के प्रमुख भारतवंशियों का जुटान देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में हुआ है। इसी तरह विश्वभर में फैले हिंदुओं को एकजुट करने की कोशिश विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा की जा रही है।
‘जहां हिंदू, वहां हम’ का लक्ष्य
‘जहां हिंदू, वहां हम’ के लक्ष्य के साथ विहिप का विश्व समन्वय विभाग प्रवासी हिंदुओं को उनकी जड़ों से जोड़ने में जुटा हुआ है। फिलवक्त उसकी पहुंच 50 देशों तक में हो गई है। आने वाले कुछ वर्ष में यह पहुंच सभी उन 80 से अधिक देशों में संगठन खड़ा करने की है, जहां-जहां हिंदू हैं। इंदौर में ही पिछले माह हुए विहिप के केंद्रीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की बैठक में इसपर विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए सात क्षेत्र-शिक्षा, मीडिया, अर्थव्यवस्था, राजनीति, महिला, युवा और संगठन तय किए गए हैं। साथ ही इसके लिए विभिन्न देशों में हिंदुओं के बीच काम कर रहीं सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संस्थाओं का भी साथ लाना तय किया गया है।
प्रमुख मंदिर संगठनों को भी साथ लाया जाएगा। इसके लिए कुछ कार्यक्रम तय किए गए हैं। जिसमें प्रवासी हिंदुओं को वर्ष में एक बार भारत भ्रमण पर आने के लिए प्रेरित करना भी शामिल है। वैसे, विदेश में हिंदुओं को जड़ों से जोड़ने का विहिप का यह प्रयास अपनी स्थापना वर्ष से ही चल रहा है। इसे गति पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा वर्ष 2003 में शुरू किए गए विश्व प्रवासी दिवस से भी मिली जो मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में तेज हुई है।
प्रधानमंत्री किसी भी देश में जाते हैं तो वहां भारतवंशियों से जरूर मुलाकात करते हैं। विहिप के एक पदाधिकारी के मुताबिक प्रवासी हिंदुओं की साख अपने-अपने देशों में बढ़ी है। अब उनके कार्यक्रमों में उन देश के राष्ट्राध्यक्ष समेत विशिष्ट व्यक्ति जा रहे हैं। साथ ही प्रवासी हिंदुओं में भी अपनी संस्कृति व धर्म के प्रति आग्रह बढ़ा है। वे आपस में जुड़ रहे हैं। इसके साथ वहां संगठन भी मजबूत हो रहा है।
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यूक्रेन संकट में पहुंचाई थी मदद
यूक्रेन संकट में भारतीय छात्रों को निकालने में विहिप संगठन के पदाधिकारी भी आगे आए थे। इसी तरह ब्रिटेन में मंदिरों पर हमले के विरोध में ब्रिटेन का विहिप संगठन काफी सक्रिय रहा। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल के मुताबिक अब हिंदू मान्यताओं का अनादर विदेश में भी आसान नहीं है। हमारे लोग वहां सक्रिय विरोध दर्ज कराने लगे हैं, जिसके कारण ऐसी शक्तियों को कदम वापस लेना पड़ा है। अब कोशिश है कि पूरे विश्व के हिंदुओं को एकजुट किया जाए।
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