Delhi Violence: सिर पर मंडरा रही थी मौत, नाले के नीचे मिला ‘जीवन’
उस दिन मेरे साथ मेरे दो बेटे मेरे बड़े बेटों की पत्नी और 10 साल की पोती थी। हम करीब डेढ़ घंटे तक नाले के सेल्फ के नीचे ही बैठे रहे।
By Neel RajputEdited By: Updated: Mon, 02 Mar 2020 11:02 AM (IST)
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। वो खौफनाक मंजर मैं कभी नहीं भूल सकती। मौत हमारे सिर पर मंडरा रही थी और हम जान बचाने के लिए इस गली से उस गली भाग रहे थे। पित्त की थैली में पथरी होने के कारण 26 वर्षीय मेरी बेटी राजकिरण जब दर्द से चीखती तो हम छिप जाते थे और थोड़ी देर रुककर फिर भागने लगते थे। राजकिरण को अचानक पेट में दर्द उठा तो हम दंगाइयों से बचने के लिए शिव विहार में ही एक नाले के सेल्फ के नीचे छिप गए। उस दिन मेरे साथ मेरे दो बेटे, मेरे बड़े बेटों की पत्नी और 10 साल की पोती थी। हम करीब डेढ़ घंटे तक नाले के सेल्फ के नीचे ही बैठे रहे।
शिव विहार गली नंबर 12 निवासी शांति दिन में अपने घर देखने आती हैं और फिर अपने बच्चों के साथ वापस मुर्गी फार्म के पास किराए पर लिए मकान में चली जाती है। शांति बताती हैं कि भागते हुए उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वह कहां जाएं और कैसे बच्चों की जान बचाएं। अंबेडकर गेट स्थित अपने भाई के घर पहुंची तो बेटी की तबियत और खराब हो गई। शांति देवी बताती हैं कि राजकिरण को लेकर वह लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल गई थी। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि अभी ऑपरेशन नहीं हो सकता।
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