Delhi Violence 2020 Case: दिल्ली की कोर्ट ने ताहिर हुसैन सहित 10 लोगों को आगजनी के आरोप से किया मुक्त
Delhi Riots उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के एक मामले में कड़कड़डूमा के सेशन कोर्ट ने मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन समेत दस लोगों को अचल संपत्ति में आगजनी के आरोप से मुक्त कर दिया है।
By Ashish GuptaEdited By: Prateek KumarUpdated: Wed, 19 Oct 2022 04:08 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फरवरी, 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के एक मामले में कड़कड़डूमा के सेशन कोर्ट ने मुख्य आरोपित और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत दस लोगों को अचल संपत्ति में आगजनी के आरोप से मुक्त कर दिया है।
इस फैसले के बाद कोर्ट ने दंगा समेत बाकी आरोपों पर विचार के लिए मामले को अधीनस्थ मजिस्ट्रेट कोर्ट को भेज दिया है। इस केस में दिल्ली पुलिस ने एक सामान्य प्राथमिकी पंजीकृत कर आरोप लगाया था कि ताहिर हुसैन के घर की छत से दंगाइयों ने पथराव के साथ पेट्रोल बम फेंके थे। इसके सबूत भी सामने आए थे। यहां तक कहा गया था कि छत पर कई दिनों से ईंट और पत्थर जमा किए जा रहे थे।
शादी के सामान से भरा रिक्शा जलाने का आरोप
दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआइआर में दंगे के संदर्भ में भगवान सिंह नामक व्यक्ति की शिकायत भी जोड़ दी गई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि दंगाइयों ने उनकी बेटी शादी के सामान से भरा रिक्शा भी जला दिया।बुधवार को पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने पाया कि अचल संपत्ति में आग नहीं लगी थी, ऐसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 436 के तहत लगाया गया आगजनी का आरोप नहीं बनता। इसके साथ ही कोर्ट ने अचल संपत्ति में आगजनी के आरोप से मुक्त कर दिया है।
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