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Delhi Violence: दंगा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से आरोपित को मिली सशर्त जमानत

कोर्ट ने आरोपित को यह भी कहा कि वह शिकायतकर्ता या अभियोजन पक्ष के गवाहों से न तो संपर्क करेगा और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 11 Aug 2020 05:16 PM (IST)
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Delhi Violence: दंगा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से आरोपित को मिली सशर्त जमानत
नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने एक आरोपित को जमानत दे दी। कोर्ट ने पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि आरोपित बिना ट्रायल कोर्ट की अनुमति के दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर कहीं न जाए। कोर्ट ने आरोपित को यह भी कहा कि वह शिकायतकर्ता या अभियोजन पक्ष के गवाहों से न तो संपर्क करेगा और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा।

वहीं, अभियोजन पक्ष ने आरोपित को जमानत देने का विरोध किया और कहा कि वह आगजनी और उपद्रव में शामिल व्यक्तियों में से एक था। आरोपित के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज है इसलिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए। कोर्ट में दी गई याचिका के अनुसार, आरोपित को आगजगी और उपद्रव के आरोप में तीन अप्रैल को हिरासत में लिया गया था। उसके खिलाफ दिल्ली के दयालपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। 

बता दें कि 24 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कई आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। 

कांस्टेबल को लूटने के मामले में दो आरोपितों को जमानत

वहीं, उत्तर-पूर्वी जिले में हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान वजीराबाद पुलिस प्रशिक्षण स्कूल के पास दिल्ली पुलिस कांस्टेबल परमेश कुमार को लूटने के मामले में गिरफ्तार आरोपितों को कड़कड़डूमाकोर्ट ने जमानत दे दी। बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर दोनों आरोपितों सनी चौधरी और अभिषेक ठाकुर को जमानत देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि दोनों के खिलाफ कोई इलेक्ट्रॉनिक सबूत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता कांस्टेबल परमेश कुमार ने मामले में दो आरोपितों की पहचान नहीं की है। साथ ही कांस्टेबल विपिन तोमर और राहुल द्वारा उनकी पहचान करना कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है। आरोपितों के वकील ने यह भी कहा कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है।

जमानत देते हुए कोर्ट ने दोनों आरोपितों को निर्देश दिया कि वह मामले से संबंधित गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ न करें।वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान, एक अभियुक्त की ओर से पेश वकील सरोज कुमार सिंह ने कहा कि 24 फरवरी को खजूरी खास इलाके में दंगाइयों की बेकाबू भीड़ द्वारा कांस्टेबल परमेश कुमार को लूटा गया था और उनकी कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद जून में कांस्टेबल तोमर और राहुल द्वारा पहचान के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था, उनके वकील ने कहा कि दोनों को मामले में झूठा फंसाया गया था।

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