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Delhi Violence: ताहिर हुसैन को लेकर बड़ा खुलासा, हिंसा वाले दिन किया था 150 फोन कॉल

Delhi Violence ताहिर हुसैन बीते 24 फरवरी से 27 फरवरी तक हिंसाग्रस्त इलाके चांद बाग मुस्तफाबाद और आसपास ही मौजूद था।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sat, 07 Mar 2020 07:26 AM (IST)
Delhi Violence: ताहिर हुसैन को लेकर बड़ा खुलासा, हिंसा वाले दिन किया था 150 फोन कॉल
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। तमाम जानकारी और सबूतों के संबंध में ताहिर से पूछताछ की जा रही है। उत्तरी पूर्वी जिले में हुई हिंसा में सिलिप्तता को लेकर पुलिस उससे सवाल कर रही हैं। ताहिर के पर्सनल दो मोबाइल तो अभी तक पुलिस को नहीं मिले हैं। उसकी तालश की जा रही है। लेकिन ताहिर हुसैन के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से कई चौकाने वाली जानकारी मिल रही है।

यह भी पता चला है कि ताहिर हुसैन बीते 24 फरवरी से 27 फरवरी तक हिंसाग्रस्त इलाके चांद बाग, मुस्तफाबाद और आसपास ही मौजूद था। 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन जाकिर नगर में मिली। वहां वह दो दिन तक रहा था। इस दौरान उसने अपना मोबाइल नंबर बंद कर रखा था। इसके बदले वह वैकल्पिक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा था। उस मोबाइल की भी पुलिस तलाश कर रही है।

अलग-अलग लोगों को किया था 150 कॉल

एसआईटी सूत्रों के मुताबिक ताहिर अपने लिए दो मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करता था। लेकिन घटना वाली रात में ही दोनों मोबाइल को बंद दिया गया था। वह अन्य मोबाइल से फोन कर रहा था। 24 तारीख की आधी रात 12 बजे जब तक उसके मोबाइल चालू थे। पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल्स खंगाला। सीडीआर के अनुसार ताहिर हुसैन 24 की रात 12 बजे तक चांद बाग स्थित अपने घर में ही मौजूद था। इस दौरान उसने हिंसा वाले दिन 24 तारीख को करीब अलग-अलग लोगों को 150 कॉल किए थे। इनमें 19 नंबरों पर सबसे ज्यादा बातचीत हुई थी।

इस आधार पर पुलिस यह मान रही है कि जिन नंबरों पर उसकी ज्यादा बातचीत हुई है वह उसके करीबी हैं। उन लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। वे सभी 19 लोग पुलिस की राडार पर हैं। बहुत जल्द उन लोगों को भी पूछताछ में शामिल किया जा सकता है। वहीं, हिंसा के दौरान सक्रिय ताहिर के सौतले भाई की तलाश में भी पुलिस जुटी हुई है। उसकी खोज में एसआइटी दिल्ली-एनसीआर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन उसका कोई पता अभी तक नहीं चल सका है।

अपनी कार इस्तेमाल कर रहा था ताहिर

जांच में यह बात भी सामने आई है कि घटना के दौरान ताहिर अपनी एसयूवी कार का प्रयोग कर रहा था। यह कार उसके नाम से है और चुनाव प्रचार के दौरान भी उसने इसी कार का प्रयोग किया था। पुलिस ताहिर के दोनों मोबाइल फोन की तलाश में है।

मोबाइल से मिले वीडियो बन सकते हैं अहम सबूत

पुलिस अधिकारी का मानना है कि मोबाइल से मिले वीडियो और ऑडियो पुलिस के लिए अहम सबूत साबित होंगे। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक ताहिर हुसैन की आखिरी लोकेशन जाकिर नगर में थी। जबकि 24 फरवरी से 27 फरवरी तक वह चांद बाग, मुस्तफाबाद और आसपास के इलाके में ही मौजूद था। 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन जाकिर नगर में मिली है। वहां वह दो दिन तक रहा था। इस दौरान उसने अपना मोबाइल नंबर बंद किया था और किसी अन्य नंबर से लोगों से संर्पक में था।

कई संगीन धाराओं में दर्ज है मामला

हिंसा को लेकर ताहिर के खिलाफ पहला मामला आइबी के कर्मी अंकित की हत्या का दर्ज किया था। इसके बाद बुधवार को उसके खिलाफ दो और मुकदमें दर्ज किए गए। अन्य एफआईआर गोली लगने से घायल हुए अजय गोस्वामी ने उत्तर पूर्वी जिले के दयालपुर थाने में दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि वे गत 25 फरवरी को अपने चाच के घर गए थे। इसी दौरान उन्होंने मेन करावल नगर रोड पर भीड़ को पत्थरबाजी और गोलीबारी करते देखा था। ताहिर हुसैन के मकान से काफी लोग गोलियां चला रहे हैं। वहां से चली एक गोली उनके पैर में लगी थी। खजूरी खास थाने में सिपाही संग्राम सिंह द्वारा कराई गई एफआईआर में ताहिर हुसैन का नाम है।

संग्राम सिंह एक व्यक्ति की छत पर शादी का खाना बना रहे थे। इसी दौरान ताहिर हुसैन के मकान की छत से पत्थर व पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे। उधर पुलिस ने शुक्रवार को उस स्कूल को सील कर दिया जिसपर लोहे के फ्रेम वाली गुलेल लगाई गई थी। इस गुलेल से लोगों पर पत्थर फेंके गए थे।

सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 683 मुकदमें दर्ज

उत्तरी पूर्वी जिले में गत दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान जमकर पत्थरबाजी, तोड़फोड़, गोलीबारी और आगजनी की घटना हुई थी। इस दौरान दर्जनों लोगों की जहां मौत हो चुकी है वहीं, स्थानीय लोगों के साथ ही पुलिस अधिकारी और दर्जनों कर्मी घायल हैं। सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 683 मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें 48 एफआइआर आ‌र्म्स एक्ट की है। इन मामले में अभी तक 1983 लोगों को हिरासत में लिया गया अथवा गिरफ्तार किया गया। 

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