Delhi Riots: उमर खालिद के साथ मीटिंग में एक शख्स ने कहा- अब दिल्ली में चलेंगे बम और बुलेट
दिसंबर से ही उसने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम व खालिद सैफी समेत जामिया व जेएनयू के कई संगठनों के साथ मिलकर दिल्ली में बड़े पैमाने पर दंगा कराने की साजिश शुरू कर दी थी।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 18 Sep 2020 07:16 AM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली दंगे की पूरी रूपरेखा तैयार करने के बाद मुख्य आरोपित जेएनयू का पूर्व छात्र उमर खालिद जानबूझ कर 22 फरवरी को बिहार के समस्तीपुर चला गया था ताकि दंगे में उसकी भूमिका सामने नहीं आए। सीएए विधेयक आते ही दिसंबर से ही उसने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम व खालिद सैफी समेत जामिया व जेएनयू के कई संगठनों के साथ मिलकर दिल्ली में बड़े पैमाने पर दंगा कराने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी।
सबसे पहले उसने जामिया में समुदाय विशेष के छात्रों को उकसाने की कोशिश की। इसके लिए उसने पहले आंदोलन से शरजील इमाम को जोड़ा। उसे इसलिए जोड़ा गया क्योंकि शरजील अच्छे वक्ता के रूप में जाना जाता है। वह भड़काऊ भाषण देता है। धीरे-धीरे अपने मकसद में कामयाब होते देख उमर ने ही दंगा कराने के लिए चक्का जाम का विचार लाया। पहले तो उसने केवल समुदाय विशेष को आंदोलन से जोडऩे की कोशिश की बाद में उसे लगा कि इससे आंदोलन को बृहद रूप नहीं दिया जा सकेगा तब उसने वामपंथी संगठनों व पिंजरा जोड़ आदि कई संगठनों को जोडऩा शुरू कर दिया था।
स्पेशल सेल की जांच में यह बात कही गई है। 15 दिसंबर को शाहीनबाग में धरना प्रदर्शन शुरू कराने के बाद उमर खालिद अपने योजना को तेजी से विस्तार देता चला गया। धरना स्थलों पर महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी रखी गई ताकि पुलिस उन्हें आसानी से बल पूर्वक न हटा पाए।
जामिया व शाहीनबाग के बाद उमर ने मध्य जिला के जामा मस्जिद व दरियागंज में भी हिंसक प्रदर्शन कराने की कोशिश की। लेकिन, यहां पुलिस की सख्ती के कारण स्थानीय लोगों का अधिक समर्थन नहीं मिलने पर उसने उत्तर-पूर्वी जिले की ओर रूख कर लिया। उसने खालिद सैफी के जरिए ताहिर हुसैन, फैजल फारुख व स्थानीय समुदाय विशेष के लोगों से मीटिंग करनी शुरू कर दी।
चांदबाग में उसने अपना गोपनीय कैंप बना लिया जहां रोज देर रात वह सभी के साथ दंगे को लेेकर योजना बनाता रहा। 16 व 17 फरवरी की देर रात उमर खालिद ने चांदबाग में आंदोलन में शामिल विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ बड़ी मीटिंग की। 21 फरवरी की बैठक में आसिफ इकबाल तन्हा ने साजिशकर्ताओं से कहा कि 23 फरवरी से दंगे शुरू होंगे जिसमें बम व बुलेट चलेंगे। इसके लिए वे तैयार रहें। दंगे की तैयारियों को अंतिम रूप देने के बाद अगले 22 की रात उमर खालिद दिल्ली छोड़कर बिहार भाग गया था।
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