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कालिंदी बाईपास परियोजना के लिए दिल्ली को यूपी के सीएम योगी की हां का इंतजार

कालिंदी बाईपास परियोजना के लिए पिछले 12 साल से दिल्ली को उत्तर प्रदेश से असफलता ही हाथ लगी है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 09:58 AM (IST)
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कालिंदी बाईपास परियोजना के लिए दिल्ली को यूपी के सीएम योगी की हां का इंतजार
नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आने पर दिल्ली लोक निर्माण विभाग को कालिंदी बाईपास परियोजना के लिए जमीन मिलने की जो आस जगी थी, एक साल बाद वह धूमिल पड़ने लगी है। एक साल के इंतजार के बाद भी दिल्ली सरकार को इस मामले में निराशा ही हाथ लगी है। परियोजना के लिए जमीन देने के मामले में अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के संबंध में योगी सरकार का कोई जवाब नहीं आया है। कालिंदी बाईपास परियोजना के लिए पिछले 12 साल से दिल्ली को उत्तर प्रदेश से असफलता ही हाथ लगी है।

बताया जा रहा है कि सरकार बदलने केबाद पिछले साल से दिल्ली को उत्तर प्रदेश से उम्मीद है कि शायद योगी सरकार दिल्ली और उत्तर प्रदेश दोनों का हित देखते हुए इस मामले में सहयोग करेगी। इसी उम्मीद के साथ दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार को मई 2017 में पत्र लिखा था। हालांकि दिल्ली सरकार उत्तर प्रदेश सरकार को इस तरह के तमाम पत्र पहले भी लिख चुकी थी। मगर इससे पहले सफलता इसलिए भी नहीं मिली कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में विपरीत विचारधारा वाले राजनीतिक दल सत्तासीन रहे थे। इस लिहाज से स्थिति अभी भी वैसी है। मगर 2017 में ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना के लिए स्वयं पहल की थी।

उन्होंने दोनों राज्यों के सत्तासीन नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक कर इस परियोजना के लिए प्रयास शुरू करने के लिए कहा था मगर स्थिति जस की तस है। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश से कुछ सहयोग मिलता है तो निश्चित ही परियोजना पर काम आगे बढ़ेगा। कालिंदी बाईपास परियोजना को जामिया नगर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की जमीन से गुजरना है। दिल्ली सरकार चाहती है कि परियोजना को दिल्ली के आबादी वाले क्षेत्र से न गुजारकर, यमुना के किनारे उत्तर प्रदेश की जमीन से ही गुजारा जाए। जिससे परियोजना को लेकर कोई व्यवधान न आए।

यह है परियोजना

कालिंदी कॉलोनी आश्रम चौक से लेकर जामिया नगर के पास से होते हुए बदरपुर तक लगभग 15.8 किलोमीटर तक 6 लेन का सिग्नल फ्री नया मार्ग बनाया जाना है। इसके माध्यम से मध्य, उत्तरी व पूर्वी दिल्ली के लोग जैतपुर होते हुए बदरपुर के पास से सीधे फरीदाबाद के पास निकलेंगे। योजना पर 2003 में मे. रानी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया था जिसे चार साल में पूरा कर लिया जाना था। मगर, परियोजना के लिए आगे जगह नहीं मिलने पर वर्ष 2006 के शुरू में निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। योजना को लगभग दो किलोमीटर तक उत्तर प्रदेश की जमीन से गुजरना है। विभाग का कहना है कि 2006 में उत्तर प्रदेश ने जमीन देने से मना कर दिया था जिसके कारण निर्माण कार्य रोकना पड़ा।

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