Weather Update: लगातार बढ़ रहा राजधानी का पारा, दिल्ली वालों को आज भी नहीं मिलेगी गर्मी से राहत
Delhi Weather Update राजधानी दिल्ली में सुबह एवं शाम हवा चलने से गर्मी का एहसास थोड़ा कम हुआ। हवा में नमी का स्तर 73 से 53 प्रतिशत रहा। मौसम विभाग की मानें तो मंगलवार को भी कमोबेश ऐसा ही मौसम बना रहेगा। आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे जबकि अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश 37 व 26 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 29 Aug 2023 05:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्लीः सोमवार को दिन भर खिली रही धूप के बीच राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 35.6 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 26.4 डिग्री अधिक रिकार्ड किया गया।
हवा में नमी का स्तर 73 से 53 प्रतिशत रहा। सुबह एवं शाम हवा चलने से गर्मी का एहसास थोड़ा कम हुआ। मौसम विभाग की मानें तो मंगलवार को भी कमोबेश ऐसा ही मौसम बना रहेगा। आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे जबकि अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 37 व 26 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।
जलवायु परिवर्तन से बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ीं: महापात्रा
मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक डा मृत्युंजय महापात्रा का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का असर बिजली गिरने की घटनाओं पर भी देखने को मिल रहा है। पहले के मुकाबले इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हुई है।उन्होंने यह भी कहा कि अर्ली वार्निंग सिस्टम का नेटवर्क तो पिछले कुछ वर्षों में खासा मजबूत किया गया है, लेकिन जानमाल के बचाव की दिशा में बहुत कुछ किया जाना शेष है। महापात्रा सोमवार को मौसम भवन में ही आयोजित दो दिवसीय नेशनल लाइटनिंग कान्फ्रेंस-2023 को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि खेत में काम कर रहे किसान के पास स्मार्ट फोन भी है और उस पर अलर्ट का संदेश भी चला जाता है। लेकिन खेतीबाड़ी करते हुए फोन किसान के पास नहीं होता।
जब तक वह संदेश देखता है, बचाव के प्रयास का समय निकल चुका होता है। बकौल महापात्रा, इस दिशा में भी संबंधित एजेंसियों को बहुत काम करने की जरूरत है। यह व्यवस्था भी जरूरी है कि बिजली गिरने का अलर्ट मिलने पर बचाव के लिए लोग आसपास ही किसी सुरक्षित जगह पर पहुंच सकें।
आइएमडी के पूर्व महानिदेशक डा के जे रमेश का कहना था कि 2015 तक समस्या थी, लेकिन पिछले दिनों केंद्र सरकार ने कामन अलर्ट प्रोटोकाल भी जारी कर दिया है। पहले कोई भी अलर्ट ऊपर से नीचे तक के स्तर पर धीरे धीरे जाता था, जिससे लगभग 40 मिनट तक का समय खराब हो जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, सभी स्तरों पर एक साथ अलर्ट चला जाता है।वरिष्ठ मौसम विज्ञानी सोमा सेन राय ने बताया कि बिजली गिरने की घटनाएं प्री मानसून की तुलना में मानसून के दौरान ज्यादा सामने आती हैं। दुखद यह कि हर साल इन घटनाओं की चपेट में देशभर में करीब 400 लोगों की मौत हो जाती है।
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