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Delhi Weather: दिल्ली में ठंड की दस्तक के साथ बिगड़ी आबोहवा, इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह रही आज; AQI 200 के पार

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है। दिल्ली का एक्यूआई 200 से अधिक यानी ‘खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। आज मंगलवार को राजधानी में एक्यूआई 207 दर्ज किया गया। सोमवार को कई इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर 300 से भी ऊपर यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा। इसे देखते हुए ग्रेप के पहले चरण की पाबंदियां लागू की गई। इस बीच दिल्ली में तापमान गिरने लगा है।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 15 Oct 2024 09:55 AM (IST)
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दिल्ली में गुलाबी ठंड के साथ हवा की गुणवत्ता खराब हो गई। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। लगातार बदल रहे मौसम के बीच दिल्ली में अब सुबह और रात के समय ठंड का अहसास बढ़ने लगा है। एसी और कूलर भी बंद होने लगे हैं। आसमान साफ रहने से न्यूनतम तापमान में भी कमी आ रही है। इसी क्रम में मंगलवार को दिल्ली में इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह रही। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में दिन के तापमान में भी गिरावट आएगी।

न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज

आज यानी मंगलवार को भी दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में सुबह से ही तेज चमकदार सूरज निकल गया है। दिन चढ़ने के साथ साथ धूप भी तीखी होती जाएगी। हालांकि आंशिक रूप से बादल छाए रहने का भी अनुमान जताया गया है। आज का न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 17.4 डिग्री सेल्सियस रहा है, जो इस सीजन का सबसे कम है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।

अगले तीन-चार दिन तक साफ रहेगा आसमान

मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी अगले तीन-चार दिन तक आसमान साफ ही रहेगा। इसके चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट बनी रहेगी। धीरे-धीरे अधिकतम तापमान में भी गिरावट आएगी। वहीं, दिल्ली की हवा फिलहाल खराब ही चल रही है।

सुबह नौ बजे एक्यूआई 207 दर्ज

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक मंगलवार सुबह नौ बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 207 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है। अगले दो दिनों के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक में हल्की बढ़ोतरी होने के आसार हैं।

प्रदूषण नियंत्रण में नाकाम रही आप सरकार : देवेंद्र यादव

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आप सरकार पर 10 वर्षों के शासन में भी प्रदूषण नियंत्रण में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बेशक पटाखों पर नियंत्रण दिल्ली में प्रदूषण रोकने लिए कारगर कदम है, लेकिन पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल सहित पर्यावरण मंत्री गोपाल राय दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए पंजाब में जलाई जा रही पराली को कारक क्यों नहीं मानते जबकि हरियाणा सहित एनसीआर क्षेत्रों को दिल्ली में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं?

यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने नगर निगम चुनाव से पहले और निगम की सत्ता में आने के बाद दिल्ली में प्रदूषण के सबसे बड़े कारण तीनों लैंडफिल खत्म करने का वादा किया था। मंत्री कैलाश गहलोत ने तो बाकायदा विधानसभा में बयान दिया था कि दिसंबर 2023 तक ओखला लैंडफिल, मार्च 2024 तक भलस्वा लैंडफिल तथा दिसंबर, 2024 तक गाजीपुर लैंडफिल को खत्म कर देंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

राजधानी में जल और वायु दोनों प्रदूषण चिंताजनक है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। यादव ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आड-इवन, रेड लाइट आन-गाडी आफ, स्मॉग टावर, सड़कों पर गाड़ियों द्वारा पानी छिड़काव जैसे अन्य उपाय करने के बावजूद दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण करने में नाकाम साबित रही है।

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