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Yamuna Water Level: दिल्ली में फिर डराने लगी यमुना नदी, पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश से बढ़ने लगा जलस्तर

पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश का असर दिल्ली में भी देखने को मिल रहा है। एक बार फिर से दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है। दिल्ली में पुराने रेलवे ब्रिज पर सोमवार को दिन में तीन बजे यमुना का जलस्तर बढ़कर 203.48 मीटर पर पहुंच गया। सीडब्लूसी के पांच दिन के पूर्वानुमान के अनुसार बुधवार को यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर को छू सकता है।

By AgencyEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Mon, 14 Aug 2023 07:21 PM (IST)
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पहाड़ों पर बारिश से दिल्ली में फिर बढ़ने लगा यमुना का जलस्तर
नई दिल्ली, पीटीआई। पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश का असर दिल्ली में भी देखने को मिल रहा है। एक बार फिर से दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है। सीडब्लूसी की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पुराने रेलवे ब्रिज पर दिन में तीन बजे यमुना का जलस्तर बढ़कर 203.48 मीटर पर पहुंच गया और लगातार जलस्तर बढ़ ही रहा है।

हथिनीकुंड बैराज पर बढ़ा यमुना का बहाव

इसके अलावा हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज पर यमुना का बहाव बढ़कर 75,000 क्यूसेक पहुंच गया। यह 26 जुलाई के बाद सबसे अधिक है। सीडब्लूसी के पांच दिन के पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार को यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर को छू सकता है।

पहाड़ों पर बारिश से भारी तबाही

दिल्ली सरकार के सिचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हम स्थिति पर नजर बनाए रखें हैं। जलस्तर बढ़ सकता है, लेकिन गंभीर स्थिति की संभावना नहीं है। बता दें कि सोमवार को उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। कई बिल्डिंग गिर गई। भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री मंदिर तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग टूट गया।

जुलाई में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची यमुना

इससे तीन लोगों की मौत भी हो गई और पांच लोग लापता हैं। खास बात है कि जुलाई के महीने में पहाड़ी इलाकों और दिल्ली में भारी बारिश देखने को मिली थी। 13 जुलाई को तो दिल्ली में यमुना नदी 208.66 मीटर तक पहुंच गई थी, जोकि पिछले रिकॉर्ड भी टूट गए।

यमुना में जलस्तर बढ़ने के बाद दिल्ली में आई बाढ़ के कारण हजारों लोग प्रभावित हुए थे। 27,000 से अधिक लोगों को निकाला गया। संपत्ति, कारोबार और कमाई के मामले में करोड़ों रुपये तक का नुकसान हुआ है। 10 जुलाई से लगातार आठ दिनों तक नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बही।

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