Delhi Pollution: दिल्ली में बढ़ने लगे पराली जलाए जाने के मामले, नवंबर में और भी जहरीली हो सकती है हवा
Delhi Pollution दिल्ली में पराली जलाने का पहला मामला सामने आने के बाद तीन दिन से पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो गया है।तीन दिनों में बवाना व नरेला विधानसभा क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों के खेतों में पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
By Sonu RanaEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Sat, 29 Oct 2022 05:28 PM (IST)
नई दिल्ली [सोनू राणा]। केंद्र सरकार, राज्य सरकार वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं। हवा में घोले जा रहे जहर पर लगाम लगाने अलग-अलग उपाय किए जा रहे हैं।बावजूद इसके राजधानी दिल्ली में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।18 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में पराली जलाने का पहला मामला सामने आने के बाद तीन दिन से पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो गया है।तीन दिनों में बवाना व नरेला विधानसभा क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों के खेतों में पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
@ArvindKejriwal जी राजधानी दिल्ली के अलीपुर इलाके के कई गावों में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है। यह आग आसपास के खेतों की तरफ भी बढ़ रही है। @DMNorthdistt @navneet__mann @JagranNews @JagranEnglish pic.twitter.com/VWeLKnp3BO
— Sonu Rana (@Sonurananews) October 29, 2022
गांवों में बढ़ रहे पराली जलाने के मामले
शिकायतें मिलने के बाद शनिवार को जागरण टीम ने गांवों में जाकर पड़ताल की तो दरियापुर गांव, मुखमेलपुर गांव, बख्तावरपुर गांव, गढ़ी खुसरो, फतेहपुर जट, तिगीपुर गांव के खेतों में पराली जली पाई गई।कहीं पर एक एकड़ जमीन पराली में आग लगाई गई थी तो कहीं पर दो व तीन एकड़ में।पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता भी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है।
नवंबर के पहले पखवाड़े में दमघोंटू हो सकती है हवा
ऐसे में दिल्लीवासियों का स्वास्थ्य दांव पर है। आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने की संभावना है। नवंबर के पहले पखवाड़े में दिल्ली में हवा दमघोंटू हो सकती है। सारी की सारी घटनाएं उत्तरी जिले में सामने आई हैं।पराली जलने से फैलने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के कोई प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं।जब पराली जलने के बारे में अलीपुर एसडीएम नवनीत मान से बात की गई तो उन्हें पता ही नहीं था कि उनके इलाके में पराली जलाई गई है।उनका कहना था, ‘पीए को बता दीजिए टीम मौके पर जांच के लिए भेजा जाएगा।’दरियापुर गांव
दरियापुर गांव में मूनक नहर की ओर से जब गांव की ओर चलते हैं तो दाएं तरफ दो से तीन एकड़ खेतों में पराली जलाई गई है।यह खेत मुख्य सड़क से सटे हुए हैं।बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।इस गांव में हर वर्ष पराली जलाई जाती है।हर वर्ष धुआं हवा में जहर घोलता है।
मुखमेलपुर गांवमुखमेलपुर गांव में जब जागरण की टीम पहुंची तो मुख्य रोड से छह एकड़ अंदर खेत में पराली जलाई जा रही थी।एक एकड़ खेत में पराली जल चुकी थी और आग पास के खेतों की ओर बढ़ रही थी।आग ने खेत के पास लगे पेड़-पौधों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया था।इस खेत से चार एकड़ दूर एक अन्य खेत में भी पराली जलाई जा रही थी।इस गांव में भी हर वर्ष पराली जलाई जाती है।
तिगीपुर गांवयमुना पुश्ते से जब तिगीपुर गांव की ओर चलते हैं तो पुश्ते से नीचे उतरते ही दूसरे खेत में पराली जलाई गई थी।देखकर लग रहा था कि पराली को दो दिन पहले जलाया गया था।इसके पास से गढ़ी खुसरो, फतेहपुर जट में भी पराली जलाई गई थी।फतेहपुर जट में बीते वर्ष पराली पर बायो डिकंपोजर घोल छिड़काव करने की शुरुआत की गई थी।बख्तावरपुर गांव में तो पराली जलाने के बाद शनिवार सुबह खेतों की जुताई कर दी गई।
बुराड़ी18 अक्टूबर को बुराड़ी में पराली पर बायो डिकंपोजर घोल के छिड़काव करने की शुरुआत की गई थी।जिस खेत में घोल का छिड़काव किया गया था शनिवार को उस खेत से मात्र तीन एकड़ दूर खेत में पराली जलाई जा रही थी।खेत में श्रमिक पराली को जगह-जगह इकट्ठी करके जला रहा था।इसी तरह पराली जलाकर हवा में जहर घोला जा रहा है।ये भी पढ़ें- Delhi-NCR Pollution: खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिल्ली-NCR का पॉल्यूशन, आनंद विहार में हेल्थ इमरजेंसी की स्थितिये भी पढ़ें- Delhi Pollution: गैस चैंबर बना दिल्ली-NCR, अब लगा निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध
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