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प्रदूषण से दिल्‍ली-NCR में सांस लेना हुआ मुश्किल, और जहरीली हुई हवा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने शुक्रवार को सुबह दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स को 358 बताया है, जो बेहद खराब मानी जाती है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 26 Oct 2018 04:10 PM (IST)
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प्रदूषण से दिल्‍ली-NCR में सांस लेना हुआ मुश्किल, और जहरीली हुई हवा
नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक बना हुआ है। प्रदूषण की स्थिति औसत से बुरी और बहुत बुरी होकर शुक्रवार को खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। भलस्वा लैंडफिल साइट में आग लगने के कारण उठता धुआं भी दिल्ली की हवा में जहर घोल रहा है। पहले ही प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता अब बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है।

वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने शुक्रवार को सुबह दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स को 358 बताया है, जो बेहद खराब मानी जाती है। सामान्य स्थिति में एयर क्वालिटी इंडेक्स को 0-50 के बीच को अच्छा माना जाता है, जबकि 51-100 को संतोषजनक जबकि 101 से 200 के बीच को मध्यम माना जाता है। वहीं, 210 से 300 को खराब और 301 से 400 को बहुत खराब। इसके बाद 401 से 500 को खतरनाक माना जाता है।  

प्रदूषण के नए हॉट स्पॉट दिल्ली की हवा को बना रहे और जहरीला दिल्ली के प्रदूषण में नए हॉट स्पॉट और अधिक इजाफा कर रहे हैं। जिन क्षेत्रों का नाम प्रदूषण को लेकर सुनने तक में नहीं आता था, सरकारी एजेंसियों के लिए भी अब चिंता के विषय हैं। इस कड़ी में बवाना और नरेला की हालत पर तो पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) के सदस्य भी परेशान हैं।

सोमवार को इस मामले पर राजनिवास में भी बैठक बुलाई गई है। आमतौर पर दिल्ली में आनंद विहार, पंजाबी बाग, डीटीयू, आर के पुरम एवं शादीपुर ही सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों के रूप में चर्चा का विषय बनते रहे हैं। लेकिन द्वारका जैसी हरित क्षेत्र भी प्रदूषण के स्तर के नए आयाम को छू रहा है।

इस समय भी द्वारका का एयर इंडेक्स 400 (खतरनाक श्रेणी) तक पहुंचने को है। इसी श्रेणी में नरेला, बवाना, जहांगीरपुरी, वजीरपुर, मुंडका, सोनिया विहार, रोहिणी, द्वारका नजफगढ़, ओखला, नेशनल स्टेडियम, नेहरू नगर, विवेक विहार, पटपड़गंज, इत्यादि जगहों पर भी एयर इंडेक्स 350 से ऊपर चल रहा है।

इसके पीछे कहीं औद्योगिक गतिविधियां कारण हैं तो कहीं टूटी सड़कें। बीते शनिवार को ईपीसीए की टीम ने नरेला और बवाना का दौरा किया तो खुद भी वहां पर औद्योगिक कचरा जलता हुआ पाया। सीपीसीबी और ईपीसीए का कहना है कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और नगर निगम को कई बार कहा गया है कि ऐसे क्षेत्रों के लिए लोकल एरिया प्लान बनाकर प्रदूषण से जंग शुरू की जाए, लेकिन इस पर काम तो दूर की बात, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान पर भी गंभीरता से काम नहीं किया जा रहा है। इसीलिए सभी संबंधित एजेंसियों पर जुर्माना लगाया गया।

भूरेलाल (अध्यक्ष, ईपीसीए) ने बताया कि हमने दिल्ली के प्रमुख हॉट स्पॉट को चिह्नित कर उनके लिए अलग एक्शन प्लान बनाने की दिशा में कई बार निर्देश दिए हैं। ऐसे प्लान में उन जगहों पर फैल रहे प्रदूषण की विस्तृत चर्चा होगी। 

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