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दिल्ली में हवा बनी 'जहर', जहांगीरपुरी में AQI पहुंचा 999; बाकी इलाकों की हालत भी बेहद खराब

दिल्ली में पिछले दो हफ्तों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार सुबह कई इलाके रेड जोन में रहे जिनमें जहांगीरपुरी का एक्यूआई 999 दर्ज किया गया। मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई 334 रहा जो सोमवार के 352 से 18 अंक कम है। अगले छह दिनों तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद नहीं है। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 13 Nov 2024 07:38 AM (IST)
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दिल्ली के जहांगीरपुरी में में एक्यूआई पहुंचा 999। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दो सप्ताह से दमघोंटू हवा में सांस ले रही दिल्ली में बुधवार सुबह कई इलाके रेड जोन में रहे। वहीं, मंगलवार को करीब 29 इलाके रेड जोन में रहे। एक्यूआईसीएन (AQICN) के अनुसार, बुधवार सुबह सात बजे जहांगीरपुरी का एक्यूआई (AQI) 999 दर्ज किया गया। यहां के अलावा एनसीआर के कई और इलाके रेड जोन में रहे। 

यहां देखिए कहां कितना रहा AQI

जहांगीरपुरी 999
श्रीनिवासपुरी दिल्ली 826
ओखला दिल्ली 802
आनंद विहार 785
आईटीआई शारदा दिल्ली 713
नोएडा सेक्टर 62 617
श्री अरबिंदो मार्ग 729
पंजाबी बाग 718
शहीद सुखदेव कॉलेज दिल्ली 735
बता दें कि मंगलवार को इन सभी जगहों का एक्यूआई 300 से ऊपर यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। आठ इलाके ऐसे रहे, जहां का एक्यूआई 200 से 300 के बीच यानी ‘खराब’ श्रेणी में रहा। दो इलाके ऐसे भी थे, जहां की हवा अपेक्षाकृत कापॅी साफ रही। यहां का एक्यूआई 200 से भी नीचे यानी ‘मध्यम’ श्रेणी में रिकार्ड हुआ।

एनसीआर के शहरों में देखने को मिल रहा उतार-चढ़ाव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई 334 रहा। सोमवार को यह 352 था। यानी 24 घंटे के भीतर इसमें 18 अंकों की गिरावट देखने को मिली। एक दिन पूर्व इतने ही अंकों की वृद्धि देखने को मिली थी। एनसीआर के शहरों में भी ऐसा ही उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक अगले छह दिनों के दौरान हवा की रफ्तार आठ से 10 किमी प्रति घंटे से नीचे ही रहेगी। मौसमी परिस्थितियां भी प्रतिकूल हैं। एक्यूआइ 300 से ऊपर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही बना रहेगा।

16 दिन से खराब व बेहद खराब श्रेणी में बरकरार जिले की हवा

गाजियाबाद जिले के लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। बीते 16 दिनों से हवा खराब व बेहद खराब श्रेणी में बरकरार है। अंतिम बार 25 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 के साथ जिले की हवा मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई थी।

आसमान में छाई रही धुंध

इसके बाद से प्रदूषण का स्तर इससे नीचे नहीं गया है। आसमान में धुंध छाने के साथ ही आंखों में जलन और गले में खरास की समस्या झेलनी पड़ रही है। सांस के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। प्रदूषण रोकथाम के लिए एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का पहला चरण लागू किया गया था, लेकिन अधिकारी ग्रेप की पाबंदियों को लागू कराने में फेल रहे। जिससे धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन होता रहा।

वहीं, महज सात दिन बाद यानी 22 अक्टूबर से ग्रेप के दूसरे चरण की पाबंदी लागू हो गईं। तमाम पाबंदियां लगने का कोई लाभ नहीं मिला। प्रदूषण के स्तर में हवा के बहाव के साथ थोड़ा उतार-चढ़ाव होता रहा, लेकिन लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिली।

प्रदूषण रोकथाम के लिए अधिकारियों ने बैठक करके तमाम योजनाएं जरूर बनाईं, लेकिन इन योजनाओं पर कोई काम नहीं हो सका। इसकी गवाही सड़कों पर उड़ती धूल, जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर में लगी आग, सड़कों पर उड़ती धूल, सड़कों पर दौड़ते पुराने वाहन दे रहे हैं।

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वहीं, मंगलवार को भी जिले का एक्यूआइ 256 दर्ज किया गया। वसुंधरा की हवा बेहद खराब श्रेणी में: जिले में वसुंधरा की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। यहां का एक्यूआइ 311 दर्ज किया गया। इसके अलावा लोनी, इंदिरापुरम व संजय नगर की हवा खराब श्रेणी में बनी हुई है।

15 दिन से नहीं हुई जुर्माने की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण फैलाने वालों पर अंतिम जुर्माना 28 अक्टूबर को लगाया था। यानी करीब 15 दिनों से जुर्माने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि शहर में जगह-जगह ग्रेप की पाबंदियों का उल्लंघन किया जा रहा है।

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