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Farmers Protest Update: 72वें दिन पहुंचा किसानों का आंदोलन, शनिवार को चक्का जाम की तैयारी में जुटे प्रदर्शनकारी

Farmers Protest Update कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन के अगले चरण में शनिवार को 6 फरवरी को आहूत चक्का जाम को लेकर किसान संगठन तैयारी में जुटे हैं। किसान संगठनों की ओर से इसके लिए गांव-गांव में अपने जत्थे भेजे जा रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2021 09:27 AM (IST)
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किसान शनिवार को 6 फरवरी को आहूत चक्का जाम को लेकर किसान संगठन तैयारी में जुटे हैं।

नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों पर रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 72वें में प्रवेश कर गया है। वहीं, सिंघु के साथ-साथ दिल्ली-हरियाणा के टीकरी बॉर्डर और दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर भी हजारों की संख्या में जमा हुए किसान तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

चक्का जाम की तैयारी में जुटे किसान

उधर, कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन के अगले चरण में शनिवार को 6 फरवरी को आहूत चक्का जाम को लेकर किसान संगठन तैयारी में जुटे हैं। किसान संगठनों की ओर से इसके लिए गांव-गांव में अपने जत्थे भेजे जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल किया जा सके।

जाम किए जाएंगे नेशनल हाईवे

6 फरवरी को दोपहर 12 से तीन बजे तक इस चक्का जाम के दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे जाम किया जाएगा और 26 जनवरी को दिल्ली में हुए ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा के बाद किसानों पर दर्ज मुकदमे और गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा। आंदोलन स्थल पर लगातार राजनेताओं के आने का मुद्दा गरमाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि आंदोलन सौ फीसदी किसानों का है, लेकिन इसमें हर कोई शामिल हो सकता है।

मोर्चा के सदस्य डॉ. दर्शनपाल, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी आदि ने एक बयान जारी कर कहा कि इस आंदोलन में राजनीतिक लोगों के आने की मनाही नहीं है, लेकिन उन्हें किसान मोर्चा का मंच नहीं दिया जाएगा। आज तक किसी भी नेता को मंच नहीं दिया गया है। छह फरवरी के चक्का जाम को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सबसे अधिक रहेगी। लोग कृषि कानून के विरोध में और किसानों पर किए जा रहे अत्याचार को लेकर काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने बाधित इंटरनेट सेवाओं को भी तत्काल बहाल करने की मांग की। किसान नेताओं ने बताया कि मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने 26 जनवरी की पुलिस कार्रवाई में मारे गए उत्तराखंड के किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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