दिल्ली में डेंगू का खतरा: 44 दिन में 1 लाख से ज्यादा जगहों पर मिला डेंगू का लार्वा, अधिकारियों ने छिपाए आंकड़े
राजधानी में मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति गंभीर होती जा रही है लेकिन निगम मरीजों के आंकड़े नहीं बता रहा है। जब से एमसीडी ने मरीजों के आंकड़े छिपाना शुरू किया है तब से सवा लाख स्थानों पर डेंगू का लार्वा निगम को मिल चुका है। जी-20 की तैयारी के नाम पर साप्ताहिक रिपोर्ट जारी करना बंद करने के बाद निगम ने 44 दिन से आंकड़े जारी नहीं किए।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Tue, 19 Sep 2023 07:40 AM (IST)
नई दिल्ली, निहाल सिंह। राजधानी में मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति गंभीर होती जा रही है, लेकिन निगम मरीजों के आंकड़े नहीं बता रहा है। जब से एमसीडी ने मरीजों के आंकड़े छिपाना शुरू किया है, तब से सवा लाख स्थानों पर डेंगू का लार्वा निगम को मिल चुका है।
जी-20 की तैयारी के नाम पर साप्ताहिक रिपोर्ट जारी करना बंद करने के बाद निगम ने 44 दिन से आंकड़े जारी नहीं किए। डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया एक अधिसूचित बीमारी है।
इसमें निगम को सभी आंकड़े समाहित करने हैं और उसी के आधार पर आगे का एक्शन लिया जाना है, लेकिन महापौर के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में भी अधिकारियों ने आंकड़े यह कहकर छिपा दिए कि वह इसे कंपाइल ही नहीं कर रहे हैं, जबकि डेंगू से कई मौतें अभी तक हो चुकी हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार सामान्यत जब मच्छरजनित बीमारियों के मरीजों के आंकड़े बढ़ते हैं, तो नागरिक सतर्क हो जाते हैं। वह ज्यादा साफ-सफाई रखने लगते हैं। आंकड़े जारी न होने से लोग लापरवाह हो जाते हैं।
इस संबंध में महामारीविद और पूर्व निर्देश, पबल्कि हेल्थ डिपार्टमेंट डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि आंकड़े छिपाने नहीं चाहिए, बल्कि बताने चाहिए। इससे जनता को पता चलता है कि बीमारी किस स्तर पर है। कहीं वह तेजी से तो नहीं फैल रही है। आंकड़े जानकर जनता जागरूक होती है।यह भी पढ़ें: Air Pollution: दिवाली से पहले दिल्ली में सांसों पर संकट... समाधान का रास्ता भी तैयार
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