दिल्ली में डेंगू का खतरा: 44 दिन में 1 लाख से ज्यादा जगहों पर मिला डेंगू का लार्वा, अधिकारियों ने छिपाए आंकड़े
राजधानी में मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति गंभीर होती जा रही है लेकिन निगम मरीजों के आंकड़े नहीं बता रहा है। जब से एमसीडी ने मरीजों के आंकड़े छिपाना शुरू किया है तब से सवा लाख स्थानों पर डेंगू का लार्वा निगम को मिल चुका है। जी-20 की तैयारी के नाम पर साप्ताहिक रिपोर्ट जारी करना बंद करने के बाद निगम ने 44 दिन से आंकड़े जारी नहीं किए।
नई दिल्ली, निहाल सिंह। राजधानी में मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति गंभीर होती जा रही है, लेकिन निगम मरीजों के आंकड़े नहीं बता रहा है। जब से एमसीडी ने मरीजों के आंकड़े छिपाना शुरू किया है, तब से सवा लाख स्थानों पर डेंगू का लार्वा निगम को मिल चुका है।
जी-20 की तैयारी के नाम पर साप्ताहिक रिपोर्ट जारी करना बंद करने के बाद निगम ने 44 दिन से आंकड़े जारी नहीं किए। डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया एक अधिसूचित बीमारी है।
इसमें निगम को सभी आंकड़े समाहित करने हैं और उसी के आधार पर आगे का एक्शन लिया जाना है, लेकिन महापौर के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में भी अधिकारियों ने आंकड़े यह कहकर छिपा दिए कि वह इसे कंपाइल ही नहीं कर रहे हैं, जबकि डेंगू से कई मौतें अभी तक हो चुकी हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार सामान्यत जब मच्छरजनित बीमारियों के मरीजों के आंकड़े बढ़ते हैं, तो नागरिक सतर्क हो जाते हैं। वह ज्यादा साफ-सफाई रखने लगते हैं। आंकड़े जारी न होने से लोग लापरवाह हो जाते हैं।
इस संबंध में महामारीविद और पूर्व निर्देश, पबल्कि हेल्थ डिपार्टमेंट डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि आंकड़े छिपाने नहीं चाहिए, बल्कि बताने चाहिए। इससे जनता को पता चलता है कि बीमारी किस स्तर पर है। कहीं वह तेजी से तो नहीं फैल रही है। आंकड़े जानकर जनता जागरूक होती है।
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आरएमएल में डेंगू से महिला की मौत
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डेंगू से एक महिला की मौत हो गई। महिला उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी। अस्पताल के मुताबिक, लगभग 20 दिन पहले महिला को अस्पताल में लाया गया था। महिला की हालत उस समय काफी खराब थी। अस्पताल में उसे बचाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन 17 सितंबर को उसने दम तोड़ दिया। दिल्ली में तेजी से डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार बचाव के लिए लगातार जागरूक कर रही है।
एप पर दर्ज शिकायतों का प्राथमिकता से हो निवारण: शैली
मच्छरजनित बीमारियों को लेकर महापौर डा. शैली ओबेराय ने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक लेकर एमसीडी 311 एप पर आने वाली शिकायतों पर प्राथमिकता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में महापौर डा. शैली ओबेराय को अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन डेढ़ लाख स्थानों पर लार्वा की जांच की जा रही है। घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस भेजे जा रहे हैं और चालान किए जा रहे हैं।
मच्छरों के प्रजनन को समाप्त करने के लिए फागिंग शुरू कर दी है। जागरूक पर भी जोर दिया जा रहा है। वार्ड में कूड़ा उठाने के लिए चल रहे ऑटो टिप्पर पर भी जागरूकता के संदेश चलाए जा रहे हैं।
महापौर को भी अधिकारियों ने नहीं बताए आंकड़े
सूत्रों के मुताबिक, महापौर ने अधिकारियों से मच्छरजनित बीमारियों के आंकड़े जारी न करने को लेकर सवाल भी पूछे। अधिकारियों ने उन्हें भी आंकड़े नहीं बताए। अधिकारियों ने यह कहकर मामले को टाल दिया कि आंकड़े अभी कंपाइल नहीं हुए हैं, जबकि इन आंकड़ों को कंपाइल करने के लिए निगम ने आनलाइन व्यवस्था बना रखी हैं। इसके लिए अलग से नियंत्रण कक्ष भी है।
पिछले दिनों हुई वर्षा के बाद बढ़ गया है खतरा
निगम के लिए चिंता की बात है कि पिछले दिनों वर्षा होती रही है। इससे मच्छरजनित बीमारियों के बढ़ने का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि वर्षा के कारण कम हुए तापमान से मच्छरों का प्रजनन बढ़ा है। सितंबर में मच्छरजनित बीमारियों के बढ़ने का ग्राफ सबसे ज्यादा पीक पर होता।
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