दिल्ली में फिर अधिकारियों से ठनी, मंत्री के आदेश पर राशन कार्ड चालू करने से इंकार
भाजपा ने पूछा है रद राशन कार्ड कैसे चालू करने का आदेश दिया? क्या सरकार को विश्वास है कि विभाग ने जिन राशन कार्ड को फर्जी बताकर रद किया था वह वैध हैं?
By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 09:40 PM (IST)
नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। दिल्ली में निरस्त किए गए राशन कार्ड को लेकर अब सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री और अधिकारियों के बीच ही तनातनी बढ़ गई है। विभाग ने साफ कह दिया है कि वह मंत्री के आदेश को नहीं मानेगा। मंत्री के आदेश पर कोई भी राशन कार्ड फिर से चालू नहीं होगा।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राशन कार्ड उन्हीं लोगों के चालू होंगे जो चार सितंबर से विभाग द्वारा सभी मंडल कार्यालयों पर लगाए जाने वाले शिविरों में आकर अपने दस्तावेजों की जांच कराएंगे। मालूम हो कि 31 अगस्त को दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने आदेश जारी कर राज्य में निरस्त हो चुके 2,53,178 राशन कार्ड को फिर से चालू करने को कहा था। ये वे कार्ड हैं जिनके मालिक जनवरी से अभी तक राशन लेने नहीं आए थे और नोटिस भेजे जाने के बाद भी अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने विभाग के मंडल कार्यालयों में नहीं पहुंचे।मंत्री ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि उन्होंने निरस्त किए गए सभी राशन कार्ड चालू कर दिए हैं। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि उनके आदेश को नहीं माना गया तो संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। उधर, विभागीय सूत्रों ने भी साफ किया है कि मंत्री का आदेश नहीं माना जाएगा। कानूनन मंत्री के आदेश पर निरस्त हो चुके राशन कार्ड को तुरंत चालू नहीं किया जा सकता।
अब शिविरों में दस्तावेजों के सत्यापन कराने वालों के ही राशन कार्ड दोबारा चालू कराए जा सकते हैं। ये शिविर विभाग के सभी 70 मंडल कार्यालयों पर लगाए जाएंगे। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ये शिविर लगाने का फैसला भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आयुक्त को लिखे गए एक पत्र के बाद लिया गया था। जिसमें केजरीवाल ने निरस्त किए गए सभी राशन कार्डो को शिविर में सत्यापन करने के बाद फिर से शुरू करने के लिए कहा था।इसके बाद विभाग ने सभी मंडल कार्यालयों पर शिविर लगाकर निरस्त किए गए सभी राशन कार्ड धारकों को एक और मौका देने का फैसला लिया था। बता दें कि सरकार जल्द ही डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ राशन के नाम से एक योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना में राशन एटीएम भी शामिल किए जाने की चर्चा है। मगर जिस तरह से सरकार और विभाग के बीच खींचतान चल रही है इससे इस योजना के शुरू होने में विलंब के आसार हैं।
रद राशन कार्ड फिर से चालू करने का विरोध
खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा रद किए गए 2.53 लाख राशन कार्ड को फिर से चालू करने के दिल्ली सरकार के आदेश का भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया है। दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि केजरीवाल सरकार को बताना चाहिए कि विभाग द्वारा रद राशन कार्ड को किस आधार पर चालू करने का आदेश दिया गया? क्या सरकार को पूरा विश्वास है कि विभाग ने जिन राशन कार्ड को फर्जी बताकर रद किया था वह वैध हैं?विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में 72.78 लाख लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा सकता है। इसमें से 7 लाख लोगों (2.53 लाख राशन कार्ड में शामिल लोग) को विभाग ने राशन पाने का पात्र नहीं पाया था। इनके राशन कार्ड रद किए जाने के बाद पिछले एक महीने में 1.74 हजार गरीबों को राशन कार्ड जारी किए गए हैं। अब फिर से रद किए गए राशन कार्ड को बहाल करने से नए राशन कार्ड धारक राशन प्राप्त करने से वंचित रह सकते हैं। सरकार को इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार गरीबों की दुश्मन है। इसलिए उसने अपात्र पाए गए राशन कार्डों को फिर से बहाल करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पहले नकली राशन कार्ड हटाने के लिए ई-पोस मशीन योजना लागू की थी।इसके तहत बायोमीट्रिक पहचान के आधार पर राशन कार्ड धारकों को राशन दिया जाता था। योजना के लागू होने के बाद जब भारी संख्या में अपात्र राशन कार्ड सामने आए तो उसे बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि गरीबों की दुश्मन केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना को भी दिल्ली में लागू करने से मना कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के गरीब लोगों का 5 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा किया जाना है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा रद किए गए 2.53 लाख राशन कार्ड को फिर से चालू करने के दिल्ली सरकार के आदेश का भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया है। दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि केजरीवाल सरकार को बताना चाहिए कि विभाग द्वारा रद राशन कार्ड को किस आधार पर चालू करने का आदेश दिया गया? क्या सरकार को पूरा विश्वास है कि विभाग ने जिन राशन कार्ड को फर्जी बताकर रद किया था वह वैध हैं?विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में 72.78 लाख लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा सकता है। इसमें से 7 लाख लोगों (2.53 लाख राशन कार्ड में शामिल लोग) को विभाग ने राशन पाने का पात्र नहीं पाया था। इनके राशन कार्ड रद किए जाने के बाद पिछले एक महीने में 1.74 हजार गरीबों को राशन कार्ड जारी किए गए हैं। अब फिर से रद किए गए राशन कार्ड को बहाल करने से नए राशन कार्ड धारक राशन प्राप्त करने से वंचित रह सकते हैं। सरकार को इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार गरीबों की दुश्मन है। इसलिए उसने अपात्र पाए गए राशन कार्डों को फिर से बहाल करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पहले नकली राशन कार्ड हटाने के लिए ई-पोस मशीन योजना लागू की थी।इसके तहत बायोमीट्रिक पहचान के आधार पर राशन कार्ड धारकों को राशन दिया जाता था। योजना के लागू होने के बाद जब भारी संख्या में अपात्र राशन कार्ड सामने आए तो उसे बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि गरीबों की दुश्मन केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना को भी दिल्ली में लागू करने से मना कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के गरीब लोगों का 5 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा किया जाना है।