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पड़ोसी देश छोड़ें दुश्मनी तो एशिया में होगा और ज्यादा विकास : भैयाजी जोशी

आरएसएस के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान को अपना दुश्मन नहीं माना, लेकिन पाकिस्तान अपने जन्म से ही दुश्मनों जैसा व्यवहार करता है।

By Edited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 09:58 PM (IST)
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पड़ोसी देश छोड़ें दुश्मनी तो एशिया में होगा और ज्यादा विकास : भैयाजी जोशी
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के साथ पाकिस्तान और चीन दुश्मनी का व्यवहार छोड़ दें तो पूरे एशिया में न सिर्फ अमन-चैन स्थापित हो जाएगा, बल्कि इस क्षेत्र से भूखमरी और गरीबी भी खत्म हो जाएगी। इससे और ज्यादा विकास होगा। पड़ोसी देशों की दुश्मनी की वजह से हथियारों और सेना पर एक बहुत बड़ी राशि खर्च होती है। अगर पड़ोसी देश दुश्मनी खत्म कर दें तो सेना व सुरक्षा पर खर्च होने वाला धन देशों में शिक्षा को सुधारने और गरीबी खत्म करने के काम आएगा। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहीं।

वह आंबेडकर इंटरनेशनल सेटर में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की ओर से 'राष्ट्रीय सुरक्षा-एक दृष्टि' नाम से आयोजित मंथन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान को अपना दुश्मन नहीं माना, लेकिन पाकिस्तान अपने जन्म से ही दुश्मनों जैसा व्यवहार करता है।

चीन ने भले खुले तौर कोई दुश्मनी की बात नहीं की, लेकिन उसके व्यवहार से सीमा पर हमेशा हलचल रहती है। आज देश में मजहब, जाति व असहिष्णुता के नाम पर हिंसा फैलाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक भी देश में अशाति का कारण बन रहा है।

भैया जी जोशी ने कहा कि सजग जनमानस के बिना केवल सेना और सरकार देश की सुरक्षा नहीं कर सकतीं। दुश्मन भारत में आकर देश को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए नागरिकों को भी सजग होना होगा। चुनौतियों का सामना नागरिक के रूप में हमें भी करना चाहिए।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आनी चाहिए शर्म
इंद्रेश कुमार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर दिए बयान पर आरएसएस ने निशाना साधा है। आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शर्म नहीं आती कि वह भारत के अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर झूठा बयान देते हैं। विभाजन के समय एक करोड़ दो लाख अल्पसंख्यक पाकिस्तान में थे और अब उनकी संख्या 33 लाख रह गई है।

इनमें से कई लोगों का कत्ल कर दिया गया या उनका धर्म परिवर्तन करा दिया। उन्होंने तकनीकी प्रगति का हवाला देते हुए कहा कि यह जितना लाभकारी है, उतना ही हानिकारक भी। सम्मेलन में विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के अच्छे काम के कारण विदेशों में भारत की धाक बढ़ी है और पड़ोसी देश भी इसे महसूस कर रहे हैं।

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