पायलटों के इस्तीफे और अकासा एयर छोड़ने पर DGCA ने दिल्ली HC में दायर किया हलफनामा, कहा- नहीं कर सकते हस्तक्षेप
बिना नोटिस अवधि पूरा किए पायलटों द्वारा इस्तीफा देने के मामले में डीजीसीए ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि पायलटों और अकासा एयर के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। डीजीसीए ने कहा कि यह पक्षकारों के हित में होगा कि पायलटों की जरूरी संख्या नहीं होने पर अकासा एयर उड़ान संचालन को बनाए रखने के लिए विमानन नियामक के सीमित कार्यक्रम के आदेश का अनुपालन करे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बिना नोटिस अवधि पूरा किए पायलटों द्वारा इस्तीफा देने के मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए, DGCA) ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि पायलटों और अकासा एयर (Akasa Air) के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
डीजीसीए ने कहा कि यह पक्षकारों के हित में होगा कि पायलटों की जरूरी संख्या नहीं होने पर अकासा एयर उड़ान संचालन को बनाए रखने के लिए विमानन नियामक के सीमित कार्यक्रम के आदेश का अनुपालन करे। अकासा एयर की याचिका पर हलफनामा दाखिल कर जुर्माना के साथ याचिका खारिज करने का डीजीसीए ने हाईकोर्ट से किया अनुरोध।
43 पायलटों ने अचानक दिया इस्तीफा
अकासा एयर की याचिका पर डीजीसीए ने हलफनामा दाखिल करके यह जानकारी न्यायमूर्ति प्रीतम सिंह अरोड़ा के पीठ को दी। अकासा एयर ने याचिका में कहा कि उसके 43 पायलटों ने अचानक इस्तीफा दिया और अनिवार्य नोटिस अवधि पूरा किए बगैर एयरलाइन छोड़ दी, जिसके कारण वह संकट की स्थिति में है।
ये भी पढ़ें- Akasa Air को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए मिली मंजूरी, इस साल के अंत तक शुरू हो सकती है सेवा