Delhi Politics: दिल्ली में दिखने लगी '2' सरकार, सियासी रार में टूटने लगे भरोसे के तार
Delhi Politics ताजा मतभेद भी सामने आया है जिसमें एलजी अनिल बैजल ने मुख्य सचिव विजय देव को शनिवार से शुरू होने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के टीकाकरण अभियान की तैयारियों पर रिपोर्ट देने को कहा। जिस अभियान को लेकर उपराज्यपाल को ही नहीं पता।
By Jp YadavEdited By: Updated: Fri, 30 Apr 2021 10:40 AM (IST)
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अधिनियम-2021 लागू हुए अभी दो ही दिन हुए हैं, लेकिन सियासी रार में आपसी भरोसे के तार टूटने लगे हैं। दिल्ली में अब 'सरकार' का मतलब उपराज्यपाल (एलजी) होने के बावजूद आम आदमी पार्टी (Aam aadmi Party) सरकार अपनी ही राह चल रही है। आलम यह है कि राजनिवास की बैठक में शामिल होने की बजाय सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी अलग बैठक कर रहे हैं। इतना ही नहीं टीकाकरण अभियान को लेकर एलजी जो जानकारी मुख्य सचिव से मांग रहे हैं, मुख्यमंत्री उस पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं। दिल्ली की सरकार का दर्जा पाने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बृहस्पतिवार को सुबह पहली बार एक बैठक बुलाई थी। कोरोना संक्रमण की स्थिति पर आयोजित समीक्षा बैठक में आला अधिकारियों संग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भी शरीक होना था, लेकिन सीएम के शामिल नहीं होने से यह बैठक नहीं हो सकी। उधर, इसी मुद्दे पर केजरीवाल ने बृहस्पतिवार दोपहर एक अलग बैठक की अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए।
टीकाकरण की तैयारियों को लेकर भी मतभेद आया सामने दूसरा मतभेद तब सामने आया जब बैजल ने मुख्य सचिव विजय देव को शनिवार से शुरू होने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के टीकाकरण अभियान की तैयारियों पर रिपोर्ट देने को कहा। जिस अभियान को लेकर उपराज्यपाल को ही नहीं पता, उसे लेकर तमाम जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिये मीडिया में साझा कर दी।
टीकाकरण के लिए तैयार नहीं सरकार दिलचस्प यह भी कि 18 वर्ष से अधिक की आयु वालों को टीका शनिवार से लगना है, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। सत्येंद्र जैन जहां साफ कह रहे हैं कि उनके पास इस टीकाकरण अभियान के लिए डोज ही नहीं है वहीं केजरीवाल इस वर्ग को टीका लगाने के लिए तीन माह का समय मांग रहे हैं। उधर, राजनिवास से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भले ही छोटे स्तर पर ही सही, डीएम और एसडीएम की मदद से यह अभियान शनिवार से ही शुरू होगा और फिर अगले सप्ताह इसमें तेजी लाई जाएगी।
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जजों के लिए कमरे बुक कराने के कदम से अवगत नहीं थे एलजी राजनिवास की ओर से एक ट्वीट कर यह भी साफ किया गया है कि उपराज्यपाल को सरकार के उस आदेश की जानकारी ही नहीं थी जिसके तहत अशोका होटल में जजों के लिए कमरे बुक कराए गए थे। जबकि सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक राजेश गुप्ता इस आदेश को उपराज्यपाल द्वारा जारी किया हुआ बता रहे थे। इसी तरह दिल्ली के लिए पिछले सप्ताह आक्सीजन का जो कोटा बढ़ा, वह केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल के अनुरोध पर बढ़ाया था जबकि गुरुवार को सिसोदिया केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर आक्सीजन का कोटा और बढ़ाने की मांग करते दिखे।
आने वाले दिनों और बढ़ेगी सियासी रार राजनीतिक जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में यह सियासी रार औैर बढ़ेगी। आप सरकार जहां एक बार फिर अपने 'निर्वाचित सरकार' होने के दंभ से बाहर आने को तैयार नहीं है वहीं उपराज्यपाल भी अब संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करने को बाध्य होंगे। पांच राज्यों का चुनाव परिणाम आने के बाद इस रस्साकशी में और तेजी आने की संभावना है।
उपराज्यपाल का नया ट्विटर हैंडल राजनिवास दिल्ली अभी तक उपराज्यपाल अपने ट्वीट स्वयं करते थे, लेकिन अब सरकार का दर्जा पाने के बाद कामकाज बढ़ने की संभावना के मद्देनजर राजनिवास दिल्ली के नाम से एक और ट्विटर हैंडल बनाया गया है। गुरुवार को इसी ट्वीटर हैंडल के जरिये उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से राजधानी दिल्ली में 18 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए की जा रही तैयारी के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी।
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