Delhi Pollution: डीजल जनरेटर को इस बार नहीं मिलेगी कोई छूट, प्रदूषण बढ़ने के साथ पाबंदियां हुई सख्त
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने डीजल जेनरेटर के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण के तहत लागू किया गया है। सीएक्यूएम ने सभी राज्यों के प्रदूषण निकायों को लिखित निर्देश जारी किए हैं कि डीजल जेनरेटर के उपयोग पर किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के दूसरे चरण की तमाम पाबंदियां इस बार सख्ती से लागू होंगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने हर स्तर के अनुरोधों को दरकिनार कर डीजल जेनरेटर के उपयोग को लेकर भी किसी तरह की रियायत देने से साफ इनकार कर दिया है।
इसे लेकर एनसीआर में शामिल सभी राज्यों के प्रदूषण निकायों को लिखित निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि ग्रेप के दूसरे चरण की पाबंदियों के तहत एनसीआर में डीजल जेनरेटर के उपयोग पर भी पूरी तरह से रोक लग गई है। लेकिन विभिन्न संगठन अलग अलग तर्कों और अनुरोध के साथ सीएक्यूएम के पास जा रहे हैं कि इस दिशा में कुछ छूट दे दी जाए।
डीजल चालित जनरेटर का धुआं सेहत को पहुंचाता है नुकसान
पिछले साल सीएक्यूएम ने 31 दिसंबर तक छूट दे भी दी थी, लेकिन अबकी बार साफ इनकार कर दिया है। सीएक्यूएम का कहना है कि चाहे कोई बैंक्वेट हॉल हो या सामुदायिक भवन, मेला परिसर या कोई सोसायटी, कोई सार्वजनिक कार्यक्रम हो या प्रदर्शनी।इन सभी जगहों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। ऐसे में डीजल चालित जनरेटर का धुआं उनकी सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। इसलिए इन जगहों के लिए तो वैसे भी कोई छूट नहीं दी जा सकती।
'सभी जगह बिजली आपूर्ति की व्यवस्था हो'
सीएक्यूएम का यह भी कहना है कि इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए समय- समय पर निजी बिजली कंपनियों को भी इसे लेकर निर्देश जारी किए जाते रहे हैं कि डीजी सेट के बगैर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अब यह इन कंपनियों की जिम्मेदारी है कि सभी जगह बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जाए, ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
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