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जागरूकता और सतर्कता के जरिये रोकी जा सकती हैं आग लगने की घटनाएं: अतुल गर्ग

विभाग ने अपने संसाधनों में छोटी गाड़ियों को शामिल किया है। इसके साथ ही संकरे इलाकों में आग बुझाने के लिए विशेष तौर पर छोटे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म तैयार कराए गए हैं। विभाग के पास न तो उपकरणों की कमी हैऔर न ही कर्मियों की।

By Pradeep ChauhanEdited By: Updated: Mon, 11 Apr 2022 12:25 PM (IST)
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इस साल तीन नई अत्याधुनिक मशीनें विदेश से आई हैं।
नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। राजधानी में गर्मी शुरू होते ही आग की घटनाएं बढ़ जाती है। मार्च के अंत से जुलाई तक का महीना दिल्ली अग्निशमन विभाग के लिए काफी चुनौती भरा होता है। हर साल की तरह से इस साल भी मार्च से लेकर अब तक आग की कई बड़ी-छोटी घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में इसे रोकने के लिए विभाग की क्या तैयारियां हैं ? और क्या नई योजनाएं बनाई गई हैं ? इसको लेकर दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग से जागरण संवाददाता ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश..

गर्मी में आग की घटनाओं को काबू में पाना कितना मुश्किल होता है ?

  • गर्मी में वायु में नमी की कमी होने के कारण कोई भी चीज आग जल्द पकड़ती है और तेजी से फैलती है। इस मौसम में आग जल्दी बुझती भी नहीं है। मौजूदा समय में रोजाना औसतन 50 से अधिक आग लगने की फोन आ रहे हैं। इसे देखते हुए विभाग के पास जितने संसाधन यानी गाड़ियां व आग बुझाने के महत्वपूर्ण उपकरण आदि हैं, उनकी मरम्मत कराई जा चुकी है। इस वर्ष विभाग ने अचानक से खराब होने वाली दमकल की गाड़ियों को जल्दी ठीक करवाने के लिए निजी एजेंसी का सहारा लिया है। इसी तरह जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। स्कूलों में जाकर अधिकारी छात्रों को जागरूक कर रहे हैं।
अधिकतर आग शार्ट सर्किट से लगती है, लोग इससे बचाव के लिए क्या करें ?

  •  इसका प्रमुख कारण इलेक्ट्रानिक सामानों का लगातार प्रयोग होना है। गर्मियों में पंखा, एसी कूलर आदि इलेक्ट्रानिक सामानों का प्रयोग खूब होता है। इसके साथ ही बिजली के तारों आदि के रखरखाव में लापरवाही से भी शार्ट सर्किट की घटनाएं होती हैं। ऐसा होने पर घबराए नहीं, बल्कि तुरंत लाइट बंद कर अग्निशमन यंत्र से आग पर काबू पाने की कोशिश करें। इससे बचने के लिए तारों व उपकरणों की समय-समय जांच कराएं। तारों की क्षमता के आधार पर ही उपकरणों का उपयोग करें। एमसीवी व एलसीवी लगवाएं, ताकि शार्ट सर्किट की आशंका को कम किया जा सके।
  • संकरे इलाकों में आग बुझाने में कई दिक्कतें आती हैं, उन्हें दूर करने में क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?
  •  राजधानी में संकरी गलियां काफी संख्या में हैं। पुरानी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाके व कच्ची कालोनियां और अवैध औद्योगिक क्षेत्र आग को लेकर सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। इन इलाकों में दमकल की गाड़ियों को घटनास्थल तक जाने तक की जगह तक नहीं मिलती। इसके मद्देनजर विभाग ने अपने संसाधनों में छोटी गाड़ियों को शामिल किया है। इसके साथ ही संकरे इलाकों में आग बुझाने के लिए विशेष तौर पर छोटे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म तैयार कराए गए हैं। रिमोट से संचालित होने वाले उपकरणों का भी संकरे इलाके में उपयोग किया जाएगा।
  • क्या विभाग के पास संसाधनों की कमी है?

  • विभाग के पास न तो उपकरणों की कमी हैऔर न ही कर्मियों की, इस साल तीन नई अत्याधुनिक मशीनें विदेश से आई हैं। पांच नए दमकल केंद्रों को बनाने की तैयारी है। दिल्ली सरकार ने अग्निशमन विभाग को लगभग छह सौ करोड़ रुपये बजट आवंटन किए हैं, इसमें तीन सौ करोड़ संसाधनों को बढ़ाने और उसे मजबूत करने में खर्च किए जाएंगे। तकनीकी तौर पर भी विभाग को मजबूत किया जाएगा। खाली पदों को भरा जाएगा।
  •  आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों को क्या सुझाव देंगें ?
  •  आग लगने की घटनाओं के प्रति लोग अधिक सतर्क नहीं है, जब तक आग नहीं लगती तब तक यही सोच होती है कि वे इससे सुरक्षित हैं। ऐसे में लोग इससे बचाव संबंधी सावधानियों को नजरअंदाज करते हैं। लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। जागरूकता, सावधानी और सतर्कता बरतकर ही आग लगने की घटनाओं को रोका जा सकता है।
  • लोग अपने घरों और संस्थान में अग्निशमन यंत्र लगाएं। प्रमुख रूप से दो बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं। एक तो बिजली के तार और वायरिंग की जांच की जानी चाहिए, क्योंकि बिजली की खपत बढ़ने पर इसका भार तारों पर पड़ता है और शार्ट सर्किट से आग लग जाती है। हमेशा आइएसआइ प्रमाणित बिजली के उपकरण का ही प्रयोग करें। उपकरण प्रयोग में न हो तो उनके स्विच बंद कर दें।
  • एलपीजी गैस पर खाना बनाते वक्त भी सावधानी बरतें। गैस सिलेंडर को जोड़ने के लिए सर्विस मैन या डिलीवरीमैन की मदद लें, ताकि इसे सावधानीपूर्वक और सही तरीके से लगाया जा सके। किसी भी आकस्मिक लीकेज को रोकने के लिए इस्तेमाल के बाद गैस सिलेंडर की नाब को हमेशा बंद कर दें। अगर रिसाव की गंध आए तो इस्तेमाल के बाद स्टोव का नाब बंद करें। समय-समय पर स्टोव की जांच कराएं। सिलेंडर से स्टोव को जोड़ने वाले पाइप व वाल्व को भी बदलते रहें।
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