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जानिए- नौकरी पाने के कैसे राजस्थान के 250 लोग बन गए दिल्ली वाले, ऐसे हुआ खुलासा

दिल्ली के शाहदरा जिले में सिविल डिफेंस भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ सवालों के घेरे में हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 12:23 PM (IST)
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जानिए- नौकरी पाने के कैसे राजस्थान के 250 लोग बन गए दिल्ली वाले, ऐसे हुआ खुलासा

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। राजधानी दिल्ली के शाहदरा जिले में सिविल डिफेंस भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ सवालों के घेरे में हैं। उन पर आरोप लगा है कि वह नियम के विरुद्ध दूसरे राज्यों के लोगों को दिल्ली में भर्ती कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने स्वतंत्रता दिवस वाले दिन जिलाधिकारी कार्यालय में बने आधार कार्ड केंद्र को खुलवाया और अपने लेटर हेड के माध्यम से उन लोगों के घर के पते बदलवाए।

गड़बड़ी सामने आने पर डिविजनल कमिश्नर ने सिविल डिफेंस की भर्ती पर रोक लगा दी है। इससे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों में होने वाली मार्शल की तैनाती फिलहाल कुछ समय के लिए टल गई है।

करोल बाग में रहने वाले एक व्यक्ति ने 20 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक शिकायत पत्र लिखा था। इसमें पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के लिए केंद्र सरकार को बधाई दी। फिर उन्होंने पत्र में लिखा कि शाहदरा के जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। गत 11 और 12 अगस्त को जिलाधिकारी ने अपने लेटर हेड पर गारंटी लेकर राजस्थान के 250 लोगों के पते आधार कार्ड में बदलवाए।

हैरानी की बात यह है कि जिन लोगों के घर के पते आधार कार्ड में बदले गए, वह सभी राजस्थान के थे और मीणा जाति से संबंध रखते हैं, जिलाधिकारी भी इसी जाति के हैं। आगे आरोप लगाया कि प्रत्येक आवेदक से भर्ती के नाम पर एक लाख रुपये लिए गए हैं। साथ ही राजस्थान से आने वाले सभी लोगों के रुकने का इंतजाम अशोक नगर के एक बारात घर में किया गया था। इस पर संज्ञान लेते हुए डिविजनल कमिश्नर ने 21 अगस्त को आदेश जारी करके भर्ती पर रोक लगा दी।

डीटीसी की बसों में लगते मार्शल

दिल्ली सरकार डीटीसी और क्लस्टर बसों में मार्शल रखना चाहती है। इसके लिए सिविल डिफेंस वालंटियर मांगे गए। दिल्ली में सबसे ज्यादा 1735 वालंटियर शाहदरा जिले से मांगे गए थे। 22 अगस्त को इनका साक्षात्कार होना था। ट्रेनिंग लेने के बाद लोग जब साक्षात्कार देने पहुंचे तो उन्हें जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि 21 अगस्त को डिविजनल कमिश्नर ने इस भर्ती पर रोक लगा दी है।

जल्द हो सकती है कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी की करतूत से उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव बेहद नाराज हैं और सख्त कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि जिलाधिकारी अगले वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

नियम के विरुद्ध जाकर भर्ती कर रहे थे

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिलाधिकारी ने नियमों के विरुद्ध अपने लोगों को बिना पंजीकरण के सीधे ट्रेनिंग करवा दी। जिलाधिकारी के फैसले से शाहदरा जिले के एडीएम और एसडीएम सहमत नहीं थे। अधिकारियों का कहना है कि अगर वह जिलाधिकारी के खिलाफ मुंह खोलते तो सीधे नौकरी से जाते, इसलिए वह दबी आवाज में विरोध कर रहे थे। वहीं एक अधिकारी ने तो तबादला लेने या नौकरी छोड़ने की तैयारी कर ली थी।

शशि कौशल कर रही हैं मामले की जांच

डिविजनल कमिश्नर ने इस मामले की जांच उत्तर-पूर्वी जिले की जिलाधिकारी शशि कौशल को सौंपा है। शशि कौशल ने बताया कि डिविजनल कमिश्नर ने उनसे इस साल एक जनवरी से लेकर अगस्त तक के शाहदरा जिले के सिविल डिफेंस वालंटियर की सूची मांगी है, साथ ही यह भी पूछा है कि कितने लोगों ने सिविल डिफेंस के लिए आवेदन किया। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार से उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है, पहले दिन शाहदरा जिले के सभी एसडीएम से वालंटियर की सूची मांगी है। उन्होंने बताया ट्रेनिंग के लिए 449 लोग आए थे, 387 को ट्रेनिंग सर्टिफिकेट दिया गया है। अगले सप्ताह वह अपनी रिपोर्ट डिविजनल कमिश्नर को सौंपेंगी।

कुछ गलत नहीं किया : कुलदीप पाकड़

जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ ने जागरण से बातचीत में कहा कि उन्होंने नियम के अनुसार काम किया है। सिविल डिफेंस लेजिसलेशन इन इंडिया कानून संसद से पास है, जिसमें कहा गया है भारत का नागरिक किसी भी राज्य में सिविल डिफेंस वालंटियर बन सकता है। उन्होंने कहा कि वह डिविजनल कमिश्नर के 2015 के उस आदेश को नहीं मानेंगे, जिसमें कहा गया है कि केवल दिल्ली में रहने वाला व्यक्ति ही यहां सिविल डिफेंस वालंटियर बन सकता है। उनके आदेश न तो संसद और न ही उपराज्यपाल से पास हैं। अगर उन्हें यही व्यवस्था करनी है तो संसद में कानून में संशोधन करवाएं। उन्होंने कहा कि बिना बात इस मामले को गलत बताया जा रहा है और उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है। गत 22 अगस्त को जो लोग सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग के लिए आए थे वह राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के थे। भाग लेने वालों को सर्टिफिकेट भी दिए गए हैं। किसी से भी जांच करवा लो, कुछ भी गलत नहीं निकलेगा। अगर डिविजनल कमीश्नर यह सोचकर मेरे खिलाफ कार्रवाई करते हैं कि मैंने सिविल डिफेंस भर्ती में कुछ गलत किया है तो वह कोर्ट में चुनौती देंगे।

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