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Air Pollution पर लोकसभा में बहस, भाजपा सांसद बोले- पहले सीएम खांसते थे अब सभी खांसते हैं

दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में वायु प्रदूषण का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में उठा। इस मुद्दे पर संसद में बहस भी हुई।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 19 Nov 2019 05:33 PM (IST)
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Air Pollution पर लोकसभा में बहस, भाजपा सांसद बोले- पहले सीएम खांसते थे अब सभी खांसते हैं
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में वायु प्रदूषण का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में उठा। इस मुद्दे पर संसद में बहस हुई। बहस में हिस्सा लेते हुए पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने प्रदूषण के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। बिना नाम लिए सीएम केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पहले मुख्यमंत्री खांसते थे और अब प्रदूषण की वजह से हम सब खांसते हैं।

प्रवेश वर्मा ने कहा कि साढ़े चार साल पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री कहते थे कि प्रधानमंत्री और उपराज्यपाल काम करने नहीं दे रहे हैं। पिछले छह महीने से हर कोई उन्हें काम करने दे रहा है। वह सभी को सब कुछ मुफ्त में बांट रहे हैं।

प्रवेश वर्मा ने कहा कि वायु प्रदूषण आज एक बीमारी बन गया है। लोग कह रहे हैं कि इसकी वजह पराली, गाड़ी, डस्ट और उद्योग-धंधों से निकलने वाला धुंआ है। ऑड-इवेन को लेकर दिल्ली के सीएम अपनी तारीफ कर रहे हैं। दिल्ली में दो सौ दिन वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक स्तर पर रहती है, जबकि पराली मुश्किल से 40 दिन ही जलती है।

मॉस्क लगाकर लोकसभा में पहुंची टीएमसी सांसद

वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद काकोली घोष दस्तीदार बहस में हिस्सा लेने के लिए मॉस्क लगाकर लोकसभा में पहुंची। वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के 10 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में भारत के 9 शहर हैं। उन्होंने सरकार से पूछा क्या स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार हमारा नहीं है। काकोली घोष ने कहा कि क्या हम स्वच्छ हवा मिशन लॉन्च कर सकते हैं।

पश्चिम बंगाल के बारासात संसदीय सीट से निर्वाचित टीएमसी सांसद ने कहा कि जहरीली हवा हमारे लंग्स को खराब कर देती है। इसकी वजह से ऑक्सीजन खून में नहीं जाती। काकोली घोष दस्तीदार ने केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की।

वहीं पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी वायु प्रदूषण पर चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण पर हमेशा कहा जाता है कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से यहां पर प्रदूषण फैसला है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने को वे उचित नहीं ठहराते, लेकिन इसे रोकने के लिए किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना जरुरी है।

मनीष तिवारी ने दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजह गाड़ियों, उद्योग धंधे और ईंट भट्टों से निकलने वाले धुएं को बताया। उन्होंने कहा कि अगर छोटे किसानों को गुनहगार बनाते हैं जिसकी आवाज कहीं नहीं सुनाई देती यह ठीक नहीं है। मनीष तिवारी ने कहा कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए इस सदन की एक स्थायी समिति बनाया जाना चाहिए। वायु प्रदूषण रोकने के लिए 1981 में जो एक्ट बनाया गया था उसे और मजबूत किया जाना चाहिए।

उधर, ओडिशा के पुरी से बीजू जनता दल (बीजेडी) के सांसद पिनाकी मिश्रा ने मनीष तिवारी का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए सिर्फ आस-पास के राज्यों के किसान ही जिम्मेदार नहीं है। पराली के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि वे किसानों को सब्सिडी दें।

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