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Flood Effects: बाढ़ के बाद दिल्ली में बढ़ा बीमारियों का खतरा, 10 वर्ष में डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज मिले

राजधानी में बाढ़ के बाद मच्छरजनित बीमारियों का खतरा ज्यादा ही बढ़ गया है क्योंकि एक सप्ताह में डेंगू के 27 नए मरीजों की पुष्टि होने से डेंगू के कुल मरीजों का आंकड़ा दस साल में सर्वाधिक हो गया है। वैसे तो बीते वर्ष कुल 158 मरीज डेंगू के जुलाई के दूसरे सप्ताह तक थे लेकिन इस वर्ष 163 मरीज हो गए हैं।

By Nihal SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 18 Jul 2023 02:03 AM (IST)
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बाढ़ के बाद दिल्ली में बढ़ा बीमारियों का खतरा, 10 वर्ष में डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज मिले

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में बाढ़ के बाद मच्छरजनित बीमारियों का खतरा ज्यादा ही बढ़ गया है, क्योंकि एक सप्ताह में डेंगू के 27 नए मरीजों की पुष्टि होने से डेंगू के कुल मरीजों का आंकड़ा दस साल में सर्वाधिक हो गया है। वैसे तो बीते वर्ष कुल 158 मरीज डेंगू के जुलाई के दूसरे सप्ताह तक थे लेकिन इस वर्ष 163 मरीज हो गए हैं।

जानकार मानते हैं चूंकि अभी बाढ़ का पानी सिर्फ उतरा है। ऐसे में जो गड्डों में पानी भरा रह जाएगा, वहां पर मच्छरों के पनपने का ज्यादा खतरा है। कुछ स्थानों पर तो मच्छर पनपते हुए भी देखे जा रहे हैं।

नगर निगम की रिपोर्ट

दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, बीते एक सप्ताह में डेंगू के 27, मलेरिया के 11 और चिकनगुनिया के एक मरीज की पुष्टि हुई है। इससे इस वर्ष डेंगू के कुल मरीजों का आंकड़ा 163, मलेरिया का 54 और चिकनगुनिया का 14 तक पहुंच गया है।

पिछले वर्ष जुलाई में कितने मरीज मिले

डेंगू के मरीजों की बात करें तो बीते वर्ष जुलाई के शुरुआती दो सप्ताह में 26 मरीज ही दर्ज हुए थे, जबकि इस वर्ष 41 मरीजों की पुष्टि अब तक हो चुकी है। इसी तरह मरीजों के बीते वर्ष जुलाई के शुरुआती दो सप्ताह में छह मरीजों की पुष्टि हुई थी, जबकि इस वर्ष 16 मरीजों की पुष्टि हुई है।

दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, डेंगू के जो 27 मरीजों की पुष्टि बीते एक सप्ताह में हुई है उसमें सर्वाधिक मरीज एमसीडी के क्षेत्र में ही पाए गए हैं। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में तीन और पांच मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हुई है।

मलेरिया के 11 नए मरीजों में से आठ मरीज एमसीडी क्षेत्र के हैं। तीन मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हैं। वहीं, दिल्ली नगर निगम ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मच्छर जनित बीमारियों पर काबू पाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में नागरिकों से मच्छरों के बचने के उपायों के प्तति जागरुक किया जा रहा है।

मच्छररोधी दवाओं का किया जा रहा छिड़काव

इतना ही नहीं राहत शिविरों के आस-पास भी मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही फॉगिंग भी की जा रही है। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों को छोड़कर दूसरे इलाकों में कार्रवाई भी की जा रही है। बीते एक सप्ताह में 4651 लोगों को मच्छर पाए जाने को लेकर कानूनी नोटिस भेजे हैं।

जबकि 1752 के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। जबकि 1051 लोगों के चालान भी किए गए हैं। निगम के अनुसार 221 राहत शिविर हैं इसमें 48 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष तौर पर नियुक्त किए गए हैं। जबकि 30 फील्ड वर्कर तैनात किए गए हैं। 700 के करीब स्टीकर और मुनादी के कई कार्यक्रम इन इलाकों में आयोजित किए जा रहे हैं।

बीते दस वर्षों के तुलनात्मक आंकड़े

वर्ष          मलेरिय          डेंगू       चिकनगुनिया

2013        111             14             1

2014        34              16             0

2015        22              23             0

2016        52              39             0

2017      120              77          122

2018       75               43            34

2019       75               32            19

2020       40               28            16

2021       17               40            10

2022       29              158            8

2023       54              163           14

नोट: वर्ष 2013 से 2017 तक के आंकड़े प्रत्येक वर्ष एक जनवरी से लेकर 14 जुलाई तक के हैं जबकि 2018 से 2023 के आंकड़े प्रत्येक वर्ष एक जनवरी से 15 जुलाई तक के हैं।

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