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Delhi News: दीपावली की आतिशबाजी में इस बार 42 प्रतिशत अधिक लोग हुए हताहत; पढ़ें किस अस्पताल में पहुंचे कितने मरीज

इस दिवाली दिल्ली में पटाखों की आतिशबाजी ने लोगों को झुलसा दिया। पिछले साल के मुकाबले इस बार अस्पतालों में 42 प्रतिशत ज्यादा लोग हताहत होकर पहुंचे। एम्स सफदरजंग आरएमएल सहित दिल्ली के छह अस्पतालों में 356 मरीज पटाखों व दीयों से झुलसकर इलाज के लिए पहुंचे। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि किस अस्पताल में कितने मरीज पहुंचे और उनकी हालत कैसी है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 01 Nov 2024 09:01 PM (IST)
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दीपावली की आतिशबाजी में इस बार 42 प्रतिशत अधिक लोग हुए हताहत।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद दीपावली के दौरान जमकर आतिशबाजी हुई। कुछ जगहों पर पटाखों के निर्माण के लिए रखे विस्फोटकों में आग लगने से भी लोग हताहत हुए। इस वजह से पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार अस्पतालों में 42 प्रतिशत अधिक लोग हताहत होकर पहुंचे।

स्थिति यह है कि एम्स, सफदरजंग, आरएमएल सहित दिल्ली के छह अस्पतालों में 356 मरीज पटाखों व दीयों से झुलसकर इलाज के लिए पहुंचे। जिसमें से 315 मरीज पटाखों से व 41 मरीज दीये ये झुलसे थे। 61 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है, जो एम्स, सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल के बर्न ब्लाक में भर्ती हैं।

इस साल प्रमुख अस्पतालों में 289 मरीज पहुंचे

पिछले वर्ष दीपावली के दिन आतिशबाजी और दीये से झुलसकर करीब 250 मरीज भर्ती हुए थे। इस बार एम्स, सफदरजंग और आरएमएल इन प्रमुख अस्पतालों में ही 289 मरीज पहुंचे। जिसमें 33 बच्चे शामिल हैं। पटाखे जलाने के दौरान 32 लोगों के हाथों में गंभीर चोट आई। लोकनायक, जीटीबी व अंबेडकर अस्पताल में 67 मरीज पहुंचे। इसके अलावा डीडीयू, संजय गांधी स्मारक अस्पताल सहित कई अन्य अस्पतालों में भी मरीज पहुंचे।

सफदरजंग में सबसे अधिक 117 मरीज पहुंचे

सफदरजंग अस्पताल में सबसे अधिक 117 मरीज पहुंचे, जिसमें 20 बच्चे शामिल हैं। 86 मरीज पटाखों से व 31 मरीज दीये से झुलसकर अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल प्रशासन के अनुसार पांच मरीजों की सर्जरी करनी पड़ी। दीपावली से एक दिन पहले भी इस अस्पताल में पटाखों से झुलसकर 18 मरीज पहुंचे थे।

आरएमएल अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष ड. समीक भट्टाचार्य ने बताया कि अस्पताल में बर्न विभाग में 44 मरीज पहुंचे। जिसमें से नौ मरीजों को भर्ती हैं। इनमें दो किशोर सहित छह बच्चे हैं। अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों की हालत ज्यादा गंभीर है। वे 45 प्रतिशत, 35 प्रतिशत व 25 प्रतिशत तक झुलस गए हैं।

एक ही परिवार के छह लोग झुलसे

बिंदापुर में एक घर में पटाखे बनाने के लिए विस्फोटक रखे हुए थे। आतिशबाजी के कारण इसमें आग लग गई और एक ही परिवार के छह लोग झुलसकर आरएमएल पहुंचे। इनमें चार लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। दो महिलाएं अस्पताल में भर्ती हैं। जिसमें से एक महिला 45 प्रतिशत जल गई है। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉ. समीक ने बताया कि पिछले वर्ष पटाखों के विस्फोट से हाथ में गंभीर चोट लगने के मामले नहीं आए थे। इस बार हाथ में चोट से पीड़ित अस्पताल में दो मरीज पहुंचे। एक मरीज की अंगुली में फ्रेक्चर था और दूसरे मरीज के टेंडन में चोट थी। दोनों की सर्जरी की गई।

एम्स में आइसीयू में भर्ती हैं 19 मरीज

एम्स के बर्न ब्लाक में 48 मरीज पहुंचे। जिसमें से 32 मरीज पटाखा जलाने के दौरान झुलसे थे। 10 मरीज पटाखों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पोटाश में विस्फोट होने से झुलसे थे। 19 मरीज आइसीयू में व आठ मरीज वार्ड में भर्ती हैं। एम्स व सफदरजंग अस्पताल में 41 मरीज एनसीआर के विभिन्न इलाकों से पहुंचे थे। एम्स प्रशासन के अनुसार आतिशबाजी के दौरान आंख में चोट लगने से आरपी सेंटर की इमरजेंसी में दो दिन में 80 मरीज पहुंचे। इनमें से कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी भी प्रभावित हुई है।

इस साल किस अस्पताल में पहुंचे कितने पीड़ित

  • सफदरजंग- 117
  • एम्स बर्न सेंटर- 48
  • एम्स आरपी सेंटर-  80
  • आरएमएल- 44
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