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पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर डॉक्टर तैयार कर रहा था आतंकी, पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे

Delhi Police राजस्थान व झारखंड से गिरफ्तार किए गए आतंकियों से पूछताछ की गई तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस की जांच में पता चला कि इ मॉड्यूल का प्रमुख रांची का रहने वाला डॉक्टर है। रेडियोलॉजिस्ट डॉ. इश्तियाक अहमद पिछले 1.5 साल से संगठन खड़ा करने में जुटा हुआ था। पढ़िए आखिर पुलिस की पूछताछ में और क्या-क्या खुलासे हुए हैं?

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 23 Aug 2024 10:30 PM (IST)
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मुफ्ती रहमतुल्ला और इश्तियाक अली। फाइल फोटो

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। आईबी के इनपुट पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा झारखंड, राजस्थान व यूपी पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किए गए अल कायदा के इंडियन सब कांटिनेंट (एक्यूआईएस) मॉड्यूल के 11 आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

पाकिस्तानी हैंडलरों के सीधे संपर्क में था डॉक्टर

इस मॉड्यूल का प्रमुख रांची का रहने वाला रेडियोलॉजिस्ट डॉ. इश्तियाक अहमद डेढ़ साल से संगठन खड़ा करने में जुटा हुआ था। वह कुछ पाकिस्तानी हैंडलरों के सीधे संपर्क में था।

हैंडलरों के निर्देश पर ही वह भारत में अल कायदा का मजबूत संगठन खड़ा करने में जुटा हुआ था ताकि देश में पहले की तरह सीरियल ब्लास्ट करा कर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई जा सके।

इश्तियाक का करीबी कर रहा था युवाओं को भर्ती

संगठन में युवाओं की भर्ती करने की जिम्मेदारी इश्तियाक ने अपने विश्वासपात्र रांची में मदरसा चलाने वाले मुफ्ती रहमतुल्ला मजाहिरी को दी थी।

रहमतुल्ला को इश्तियाक ने कहा था कि वह विभिन्न राज्यों का भ्रमण कर मदरसे में पढने वाले युवाओं व गरीब मुस्लिम परिवार के युवाओं से संपर्क कर उनका ब्रेनवाश कर संगठन में भर्ती करने की कोशिश करे। संगठन खड़ा करने में आने वाले सारे खर्चे का वहन करने का भरोसा दिया था।

रेडियाेलाजी सेंटरों से होने वाली आमदनी व अन्य जगहों से चंदे के रूप में आने वाले पैसे इश्तियाक संगठन खड़ा करने में ही लगा रहा था। इश्तियाक अक्सर रहमतुल्ला से मिलने उसके मदरसे में जाता था।

जांच एजेंसियों का गहराया था शक

सेल का कहना है कि इश्तियाक व उसके करीबी अलीगढ़ के डॉक्टर एजाज की लंबे समय से संदिग्ध गतिविधि रही है। दोनों करीबी दोस्त हैं। 2013 में पटना ब्लास्ट में भी तमाम केंद्रीय एजेंसियों व स्पेशल सेल ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इन दोनों पर ब्लास्ट की साजिश रचने में शामिल होने का जांच एजेंसियों का शक गहराया था।

भिवाड़ी व झारखंड से पकड़े गए आतंकियों के मामले में डॉक्टर एजाज की भूमिका की जांच की जा रही है। संगठन खड़ा करने में फंडिंग करने में अगर इनकी संलिप्तता के साक्ष्य मिलेंगे तब उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अब्दुल रहमान कटकी के मॉड्यूल को आगे बढ़ा रहा था इश्तियाक

अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (एक्यूआईएस) के झारखंड मॉड्यूल का गठन पहले अब्दुल रहमान कटकी ने किया था। इश्तियाक उसी को आगे बढ़ाने का काम कर रहा था। इश्तियाक व एजाज लंबे समय से कटकी से जुड़े हुए हैं।

2010 के बाद कटकी ने झारखंड के जमशेदपुर, रांची, लोहरदगा, हजारीबाग समेत कई शहरों का दौरा किया था। इन शहरों में तकरीर नाम के एक शख्स के जरिए वह युवाओं से मिलकर उन्हें प्रभावित करता था। उसने झारखंड के रहने वाले सैकड़ों मुस्लिम युवाओं को रेडिक्लाइज कर उन्हें स्लीपर सेल बनाया था।

वहीं, संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर 18 जनवरी 2016 को कटकी को पहली बार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मेवात से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला था कि झारखंड के कई युवाओं को वह कटक ले गया था, जहां धार्मिक पाठ के बहाने जिहाद के लिए उकसाया था।

10 दिन की रिमांड पर लिया गया

सेल का कहना है कि गुरुवार को राजस्थान के भिवाड़ी में पहाड़ी पर छापा मार पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके नाम हसन अंसारी, इनामुल अंसारी, अरशद खान, शाहबाज अंसारी व अल्ताफ अंसारी हैं।

इनमें अल्ताफ झारखंड के लोहरदगा व बाकी चार रांची के रहने वाले हैं। इन्हें गुरुवार रात ही पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए दस दिन के रिमांड पर ले लिया गया है।

इसके अलावा झारखंड के अलग-अलग जगहों से छह आतंकी गिरफ्तार किए, जिनके नाम मुफ्ती रहमतुल्ला मजाहिरी, फैजान अहमद, मोहम्मद मोदब्बीर, मोहम्मद रिजवान, मतिउर रहमान व डाक्टर इश्तियाक अहमद हैं।

इनमें फैजान अहमद को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर दस दिन के रिमांड पर लिया गया। अन्य पांच को रांची के कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लेकर दिल्ली लाया जा रहा है।

अलग-अलग ऐप से करते थे एक-दूसरे से बात

पुलिस से बचने के लिए ये सभी अलग-अलग ऐप के जरिये आपस में बात करते थे। इनमें कुछ ड्राइवर व मैकेनिक हैं। आईबी ने पिछले साल ही स्पेशल को इस मॉड्यूल के बारे में इनपुट दे दिया था। जिसके बाद सेल जांच में जुटी हुई थी।

सेल का कहना है कि इनसे गहन पूछताछ करने पर ही पता लग पाएगा कि ये लोग अल कायदा से कब जुड़े थे। इनका टारगेट क्या था। कहां पर इन्हें ट्रेनिंग दी गई और ग्रेनेड व एके-47 जैसे हथियार कहां से लाए थे। इन 11 आतंकियों से पूछताछ में मॉड्यूल से जुड़े और आतंकियोें के बारे में पता चल सकेगा, जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।