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बढ़ सकती हैं एक्टर-कॉमेडियन सुनील पाल की मुश्किलें, एम्स के डॉक्टरों ने की अमित शाह से शिकायत; जानिये- पूरा मामला

Comedian and actor Sunil Pal एक्टर-कॉमेडियन सुनील पाल (Comedian and actor Sunil Pal) पर डॉक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा है। एक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा गया है।

By Jp YadavEdited By: Updated: Wed, 21 Apr 2021 10:43 AM (IST)
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देश के नामी एक्टर-कॉमेडियन सुनील पाल की फाइल फोटो।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। टेलीविजन और फिल्मी दुनिया के नामी हास्य कलाकार सुनील पाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एक्टर-कॉमेडियन सुनील पाल (Comedian and actor Sunil Pal) पर डॉक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा है। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, कॉमेडियन सुनील पाल द्वारा डॉक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institutes of Medical Sciences) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने पाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।

डॉक्टरों के संगठन रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कॉमेडियन सुनील पाल की टिप्पणियों को खुला झूठ करार देते हुए कहा कि इस समय उनकी इन टिप्पणियों का प्रसार बेहद खतरनाक होगा। इससे रोगियों का स्वास्थ्य प्रणाली में विश्वास भी कम हो सकता है। आरडीए ने पत्र में लिखा कि अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कर्मी और अन्य देशवासी कोरोना के प्रकोप का सामना कर रहे है और हर कोई संक्रमण के प्रसार से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपनी ओर से सभी प्रयास कर रहा है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा, 'कॉमेडियन द्वारा की गई टिप्पणियों ने उन सभी डॉक्टरों को आहत किया है, जो निस्वार्थ रूप से इस जंग में शामिल हुए हैं। इससे उनके मनोबल पर प्रभाव पड़ेगा।' 

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यहां पर बता दें कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया जा चुका है। इसके लिए 123 साल पुराने कानून में बदलाव किया गया है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। 

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केंद्र सरकार एपिडेमिक डिजीज एक्ट, 1897 में बदलाव कर चुकी है और यह कानून भी बन चुका है। इस कानून के तहत मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वाले लोगों को 3 माह से 5 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, ज्यादा गंभीर मामलों में अपराधी को 6 महीने से लेकर 7 साल की सजा हो सकती है।

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कानून के मुताबिक अगर डॉक्टर या दूसरे स्टाफ की गाड़ी या फिर क्लीनिक को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो उसे नुकसान की दोगुनी रकम देनी होगी। ऐसे मामलों की जांच का काम 30 दिन में पूरा कर लिया जाएगा।

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