'नौकरी के आखिरी दिन तक इस घर को मत बेचना', CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनाया पिता का भावुक किस्सा
मां को याद करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा मैं एक बीमार बच्चा था मेरी मां ने रात-रात भर जागकर गुजारा ताकि मैं ठीक हो जाऊं। मुझे अभी भी उनका यह कहना याद है कि दवा गंगा की तरह है और डॉक्टर नारायण (भगवान) की तरह। उन्होंने मुझसे कहा मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है लेकिन धन भौतिक धन नहीं है मैं चाहती हूं कि तुम ज्ञान प्राप्त करो।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विदाई भाषण में डीवाई चंद्रचूड़ ने एक किस्सा सुनाया। उन्होंने पुणे में एक फ्लैट के बारे में अपने पिता के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया।
डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "मेरे पिता ने पुणे में एक छोटा सा फ्लैट खरीदा। मैंने उनसे पूछा कि आप पुणे में एक फ्लैट क्यों खरीद रहे हैं? आप वहां कब रहेंगे? उन्होंने मुझसे कहा, 'मुझे पता है कि मैं वहां कभी नहीं रहूंगा। मुझे यकीन नहीं है कि मैं तुम्हारे साथ कितने समय तक रहूंगा। लेकिन न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक इसे अपने पास रखना। मैंने कहा कि ऐसा क्यों?
मेरे पिता बहुत अनुशासित थे: CJI डीवाई चंद्रचूड़
उन्होंने कहा, 'यदि तुम्हें लगे कि तुम्हारी नैतिक और बौद्धिक ईमानदारी से समझौता हो रहा है, तो मैं चाहता हूं कि तुम्हें ये पता रहे कि तुम्हारे सिर पर एक छत है। कभी भी बतौर वकील या जज इसलिए समझौता मत करना, क्योंकि तुम्हें लगे कि तुम्हारे सिर पर कोई छत नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उनके पिता बहुत अनुशासित थे। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें बच्चों के रूप में अनुशासित नहीं किया, बल्कि उन्होंने सोचा कि जिस तरह से उन्होंने अनुशासित जीवन जिया, उसे देखते हुए हमें अनुशासन के आदर्शों को सीखना चाहिए।"सीजेआई ने बताया- मां ने धनंजय नाम क्यों रखा था
इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश का परिवार भी शामिल हुआ था। अपनी मां को याद करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "मैं एक बीमार बच्चा था, मेरे बीमार पड़ने का खतरा था और मेरी मां ने रात-रात भर जागकर गुजारा ताकि मैं ठीक हो जाऊं। मुझे अभी भी उनका यह कहना याद है कि दवा गंगा की तरह है और डॉक्टर नारायण (भगवान) की तरह। जब मैं बड़ा हो रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा, 'मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है, लेकिन 'धन' भौतिक धन नहीं है, मैं चाहती हूं कि तुम ज्ञान प्राप्त करो।' मुख्य न्यायाधीश की मां प्रभा चंद्रचूड़ ऑल इंडिया रेडियो की शास्त्रीय संगीतकार थीं।
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