दिल्ली में इस दिन से चलेंगी इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें, यात्रियों को मिलेंगी लग्जरी सुविधाएं
दिल्ली में एक बार फिर डबल डेकर बसें चलने वाली हैं। दिल्ली सरकार 100 इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें लाने की तैयारी कर रही है जो पुरानी बसों से बिलकुल अलग होंगी। ये बसें वातानुकूलित होंगी और इनमें दो तल होंगे जिनमें 63 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी। शुरुआत में चुनिंदा रूटों पर इनका ट्रायल रन होगा।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में शहीद मंगल पांडे मार्ग पर भजनपुरा के सामने एक तरफ जहां डबल डेकर फ्लाईओवर बन रहा है, वहीं अब दिल्ली में डबल डेकर बसें भी आने वाली हैं। दिल्ली सरकार ऐसी 100 बसें लाने की तैयारी कर रही है।
1985-86 तक दिल्ली में ऐसी बसें बड़ी संख्या में देखने को मिलती थीं। लेकिन लंबे अंतराल के बाद अब जो बसें आ रही हैं, वे उन बसों से बिल्कुल अलग होंगी। इनका लुक पुरानी बसों से बेहतर है, जो लग्जरी बसों जैसी दिखती हैं। पुरानी बसें डीजल से चलती थीं, लेकिन ये इलेक्ट्रिक से चलेंगी। ये बसें पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी।
कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के माध्यम से दिल्ली को 100 डबल डेकर समेत कुल 1,500 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जानी हैं। इनमें से कुछ बसें दिल्ली की सड़कों पर दौड़ भी रही हैं। लेकिन अब पहली डबल डेकर बस भी दिल्ली आ गई है। इसे तेहखंड डिपो में रखा गया है। बस चलाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इस बस में यात्रियों के लिए दो तल हैं, सामान्य और ऊपरी।
इस बस में यात्रियों की क्षमता ज़्यादा है। सामान्य बसों की तुलना में इस बस में 63 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। सामान्य तल से दूसरे तल तक जाने के लिए सीढ़ियाँ हैं। इन बसों की ऊँचाई 4.75 मीटर है और यह बस 9.8 मीटर लंबी है। इन बसों को नारंगी रंग में चलाने की योजना है। पिछली सरकार के समय से ही दिल्ली में क्लस्टर सेवा की बसें इसी रंग में चल रही हैं।
डीटीसी इस बस को एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू करने जा रही है। जिसमें इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसों का परीक्षण किया जाएगा। आने वाले दिनों में चुनिंदा रूटों पर इस बस का ट्रायल रन शुरू किया जाएगा। जल्द ही सरकार इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी।
सूत्रों की मानें तो इन बसों का किराया अन्य एसी सामान्य बसों की तरह रखे जाने का प्रावधान होने की संभावना है। हालाँकि, इस बारे में अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। सरकार इनमें से कुछ बसों को पर्यटन विभाग की दिल्ली दर्शन योजना को देने की भी योजना बना रही है। इस सेवा के तहत इन बसों का किराया ज़्यादा तय किए जाने की संभावना है।
बस की ऊँचाई भी कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकती है। कम ऊंचाई वाले पेड़, लटकते तार और फ्लाईओवर इन बसों के लिए बाधा बन सकते हैं। सरकारी सूत्र ने बताया कि डीटीसी अधिकारी उन रूटों का अध्ययन कर रहे हैं जिनमें पेड़ की शाखाओं और ओवरब्रिज की ऊंचाई मापी जा रही है ताकि एक सुरक्षित कॉरिडोर तैयार किया जा सके।
इससे पहले दिल्ली में 1970 और 1980 के दशक में "सुविधा" सेवा के तहत डबल डेकर बसें चलती थीं, जो उस समय काफी लोकप्रिय थीं। हालांकि, बढ़ते यातायात, ईंधन दक्षता और सड़क के बुनियादी ढांचे जैसे फ्लाईओवर, अंडरपास और संकरी सड़कों में बदलाव के कारण 1985-86 तक इन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। उस समय ये बसें बूंदाबांदी में चलती थीं।
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