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यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल संकट, AAP बोली-सफेद झाग का केंद्र करे उपाय

दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को कहा है कि यमुना में प्रदूषण स्तर में अचानक बढ़ोतरी होना चिंता विषय है। इस संबंध में तत्काल उपाय किए जाएं। AAP ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र हरियाणा और यूपी को निर्देश दे कि वहां के उद्योग अनुपचारित अवशेषों को नदी में न छोड़ें। यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से कई क्षेत्रों में पेयजल संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 27 Jul 2024 07:54 AM (IST)
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Delhi News: यमुना में सफेद झाग का केंद्र करे उपाय: आप
 जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) यमुना नदी में प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि से चिंतित है और इसे नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपाय किए हैं। यह समस्या अचानक उत्तर प्रदेश (UP News) और हरियाणा (Haryana News) से निकलने वाले अत्यधिक औद्योगिक कचरे के कारण उत्पन्न हुई है, जो यमुना नदी के माध्यम से दिल्ली में प्रवेश कर रहा है।

यूपी और हरियाणा सरकारों को केंद्र दे सख्त निर्देश-आप

आप ने कहा कि केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत उपाय करने चाहिए कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में चल रहे उद्योग उचित उपचार के बिना अपना अवशेष यमुना में न छोड़ें। जब से भाजपा केंद्र में सत्ता में आई है, वह दिल्ली के लोगों के लिए बाधाएं पैदा कर रही है। केंद्र को ऐसे प्रदूषणकारी उद्योगों पर तुरंत प्रतिबंध लगाने के लिए यूपी और हरियाणा सरकारों को सख्त निर्देश जारी करना चाहिए।

यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली के कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित है। बृहस्पतिवार को क्षमता से 52 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) कम पानी उपलब्ध हुआ। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के साथ ही मूनक नहर से कम पानी मिल रहा है।

पिछले तीन दिन से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा

इससे हैदरपुर, बवाना और चंद्रावल जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) से क्षमता के अनुसार पेयजल नहीं मिल रहा है। पिछले तीन दिन से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा हुआ है। दिल्ली के संयंत्रों में 0.9 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) तक अमोनिया शोधित करने की क्षमता है।

इस समय वजीराबाद जलाशय में 2.3 पीपीएम से अधिक का स्तर है। इससे वजीराबाद और चंद्रावल डब्ल्यूटीपी प्रभावित हो रहा है। इन दोनों संयंत्रों को वजीराबाद जलाशय से कच्चा पानी मिलता है। वजीराबाद डब्ल्यूटीपी की क्षमता 131 एमजीडी है, लेकिन 96 एमजीडी पानी मिल रहा है।

चंद्रावल से भी 18 एमजीडी कम पेयजल मिल रहा है। इससे बाहरी दिल्ली, मध्य दिल्ली औैर पश्चिमी दिल्ली के कई क्षेत्रों में पेयजल संकट है। रेनीवेल एवं ट्यूबवेल से मिल रहा 135 एमजीडी पानी भी जोड़ लिया जाए, तो दिल्ली में बृहस्पतिवार को 904 एमजीडी पेयजल मिला।

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