Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Delhi Coaching Center: विकास दिव्यकीर्ति के बाद अवध ओझा ने भी तोड़ी चुप्पी, छात्रों की मौत के बाद हो रही थी आलोचना

Coaching Center Students Death Incident दृष्टि आईएएस और अवध ओझा ने ओल्ड राजेंद्र नगर हादसा मामले में अपनी चुप्पी तोड़ दी है। दोनों का बयान घटना के तीन दिन बाद सामने आया। राव कोचिंग सेंटर में शनिवार को बेसमेंट में पानी घुसने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इनकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही थी क्योंकि इनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।

By uday jagtap Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 30 Jul 2024 10:10 PM (IST)
Hero Image
दृष्टि आईएएस के मैनेजिंग डायरेक्टर विकास दिव्यकीर्ति और शिक्षक अवध ओझा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल (Rau IAS Study Circle Coaching Centre) में बारिश के पानी के बेसमेंट में भरने से तीन छात्रों की मौत के मामले में चुप्पी के आरोप झेल रहे कोचिंग संचालकों के बयान सामने आए हैं। शिक्षक अवध ओझा (Awadh Ojha) ने एक वीडियो संदेश जारी किया है और दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) ने एक बयान जारी कर घटना पर दुख जताया है।

ओझा ने कठोर कानून बनाकर ऐसे हादसों के जिम्मेदारों की संपत्ति जब्त करने और आजीवन कारावास के प्रविधान करने की मांग की है।

दृष्टि आईएएस का आया बयान

एमसीडी ने सोमवार को कई कोचिंग सेंटरों को सील किया था। इनमें दृष्टि आईएएस भी शामिल था। इसके दूसरे दिन दृष्टि आईएएस ने प्रतिक्रिया दी है। अपने एक्स एकाउंट से जारी बयान में टीम दृष्टि की तरफ से घटना और उसके बाद की परिस्थितियों पर खेद व्यक्त किया गया है। साथ ही अपना पक्ष देरी से रखने के लिए माफी मांगी गई है।

कोचिंग सेंटरों को जारी हों दिशा-निर्देश

छात्रों के गुस्से को न्यायसंगत बताते हुए कहा गया है कि इस रोष को सही दिशा मिलनी चाहिए और सरकार कोचिंग सेंटरों के लिए दिशा-निर्देश जारी करे। इस समस्या के कई पक्ष हैं। इनके तार कानूनों की अस्पष्टता से जुड़े हैं। डीडीए, एमसीडी और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में अंतर है।

कोचिंग सेंटरों के लिए स्पष्ट प्रविधान नहीं

दिल्ली मास्टरप्लान-2021, नेशनल बिल्डिंग कोड, दिल्ली फायर अधिनियम और यूनिफाइड बिल्डिंग बाइ लॉज के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है। दिल्ली मास्टरप्लान-2021 को छोड़कर बाकी किसी भी दस्तावेज में कोचिंग सेंटरों के लिए स्पष्ट प्रविधान नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि जब एक महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से नियुक्त समिति रिपोर्ट पेश करेगी, तब यहां बताई गई अधिकतर बातों का समाधान मिल सकेगा।

हम छात्रों की सुरक्षा के लिए सतर्क

दृष्टि आईएएस ने बयान में कहा, हम छात्रों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं। इसके लिए मैनेजमेंट में फायर एंड सेफ्टी अधिकारी का विशेष पद है, जो सभी इमारतों में नियमित सेफ्टी ऑडिट करते हैं। साथ ही प्रत्येक इमारत के लिए एक-एक अधिकारी भी रोजाना सुरक्षा के 16 बिंदुओं की जांच करता है।

इसकी सूचना बिल्डिंग मैंटेनेंस ग्रुप पर अपडेट होती है। दृष्टि आईएएस ने आगे कहा, हमारे क्लासरूम जहां भी हैं, उन इमारतों में आने-जाने के लिए कम से कम दो रास्ते हैं। ताकि इमरजेंसी के हालात में छात्र सुरक्षित निकल सकें।

सरकार कर सकती है स्थायी समाधान

समस्या का स्थायी समाधान यही है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार स्थानों को कोचिंग सेंटरों के लिए चिह्नित कर दे। अगर सरकार क्लासरूम, पुस्तकालय, छात्रावास खुद तैयार कराएगी तो अधिक किराए और सुरक्षा से जुड़े प्रविधानों की समस्या नहीं रहेगी।

सोशल मीडिया पर हो रही थी आलोचना

बता दें कि विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि आईएएस के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और घटना के बाद उनकी तरफ से बयान न आने के चलते इंटरनेट मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही थी।

अवध ओझा ने क्या कहा?

उधर, आईएएस कोचिंग चलाने वाले अवध ओझा ने बयान देकर चार मांगें रखी हैं। उन्होंने कहा है कि कोचिंग के लिए सभी जरूरी मानक तय होने चाहिए। एक कक्षा में 100 बच्चों से अधिक नहीं बैठने चाहिए। एडमिशन फॉर्म में कोचिंग सेंटरों को एक अंडरटेकिंग देनी चाहिए कि हादसा होने पर जिम्मेदारी उनकी होगी। पूरी प्रक्रिया पर एक कठोर कानून बनना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Coaching Center Incident: दो साल से छात्रों की जान से खिलवाड़, राव कोचिंग सेंटर को हादसे के 20 दिन पहले ही मिली थी फायर NOC

दोषियों की संपत्ति जब्त और आजीवन कारावास हो

उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, मेयर का इस्तीफा मांगने से कुछ नहीं होगा। दूसरा व्यक्ति आएगा और कुछ दिनों बाद व्यवस्था पहले जैसी हो जाएगी। कठोर कानून बने। फायर एनओसी देने वाले और एमसीडी हर जिम्मेदार अधिकारी व कोचिंग संचालक की संपत्ति जब्त हो और उनको आजीवन कारावास का प्रविधान हो। इससे ही सूरत बदलेगी।

उन्होंने कहा कि जब सब ऑनलाइन हो गया है तो छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा की तरफ जाना चाहिए। कुछ शिक्षक धरना स्थल पर भी पहुंचे थे और उन्होंने भी ऑनलाइन कक्षाओं की तरफ आने की छात्रों से अपील की थी।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर